September 22, 2024

मुंबई-पुणे पर दिखा बंद का असर, शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने बंद किया हाईवे; बीजेपी ने किया विरोध

महा विकास आघाडी द्वारा लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में सोमवार (11 अक्टूबर) को यानी आज ‘महाराष्ट्र बंद’ (Maharashtra Bandh) का आह्वान किया गया है.महाराष्‍ट्र की महा विकास आघाडी सरकार द्वारा लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में ‘महाराष्ट्र बंद’ का सेामवार सुबह मुंबई का बंद का हल्‍का असर नजर आया. सड़कों पर आमदिनों के मुकाबले वाहनों की संख्‍या कम नजर आई. मुंबई के बांद्रा में ट्रैफिक कम देखा गया. जरूरी सेवाएं सुचारू हैं.

‘महाराष्ट्र बंद’अपडेट:

मुंबई-पुणे पर बंद का मिला-जुला असर: महाराष्ट्र में लखीमपुर खीरी कांड के विरोध में आयोजित बंद का मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है. सत्ताधारी गठबंधन की ओर से आयोजित बंद के चलते राज्य के कई जिलों में दुकानें बंद हैं और मुंबई एवं पुणे जैसे शहरों में लोकल बसें भी बंद हैं. हालांकि लोकल ट्रेनों का संचालन सामान्य रूप से चल रहा है. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बंद का समर्थन मुंबई, पुणे, ठाणे और नासिक की कई ट्रेडर्स एसोसिएशन ने किया है. सोमवार को सुबह मुंबई और पुणे जैसे शहरों में कुछ बसें भी चलती दिखीं और लोग यात्रा करते नजर आए, लेकिन सत्ताधारी दलों के कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद ये बसें भी बंद हो गईं.

-लोकल ट्रेन अपने नियमित समय पर चल रही हैं. मुंबई पुलिस महा विकास अघाड़ी(कांग्रेस-शिवसेना-NCP गठबंधन) ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसक घटना के विरोध में आज राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है।

बंद का पहले व्‍यापारियों ने किया विरोध

इस महाराष्ट्र बंद का रविवार दोपहर तक पुणे -मुंबई-ठाणे के व्यापारियों ने विरोध किया. व्यापारियों ने तय किया कि सोमवार को वे दुकानें खुली रखेंगे. मुंबई व्यापारी संघ की ओर से वीरेन शाह ने कहा कि ‘वे किसानों के दु:ख-दर्द को समझते हैं, उनका समर्थन करते हैं, उनसे सहानुभूति रखते हैं. लेकिन इस बंद में व्यापारियों को ना घसीटा जाए.’ लेकिन शाम तक मुंबई ट्रेडर्स फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेन शाह ने एक वीडियो जारी कर कहा कि सारे दुकानदार शाम 4 बजे तक दुकानें बंद रखेंगे.’

उन्होंने कहा कि, ‘अलग-अलग इलाकों के व्यापारियों के फोन आ रहे हैं और स्थानीय स्तर पर शिवसेना और महाविकास आघाडी से जुड़ी पार्टियों के नेता व्यापारियों से अपील कर रहे हैं कि बंद में व्यापारी उनका साथ दें. ऐसे में शाम 4 बजे तक दुकानें बंद रख कर उनका समर्थन किया जाएगा और 4 बजे के बाद दुकानें खोली जाएंगी.’ मुंबई के व्यापारियों के बाद पुणे के व्यापारी संघ ने भी शाम तक बंद के समर्थन का ऐलान कर दिया लेकिन पुणे के रिटेल व्यापारी दुकानें खोलने पर अड़े हुए हैं.नागपुर और औरंगाबाद के व्यापारी संघ ने दुकानें खोलने का ऐलान किया है.

सब्जियों की सप्लाई प्रभावित , आवश्यक सेवाएं हैं  खुली रहेंगी

मुंबई-ठाणे और आस-पास के लोगों के लिए एक अहम खबर यह है कि नवी मुंबई का एपीएमसी मार्केट आज बंद है. मुंबई और आस-पास में सब्जियां यहीं से सप्लाई होती हैं. पुणे बाजार समिति भी बंद में शामिल रहेगी. इसीतरह सोलापुर कृषि उत्पन्न बाजार समिति भी बंद में शामिल रहेगी. इसके अलावा नासिक लासलगांव की बाजार समिति (प्याज मंडी), धुले, नंदुरबार, मनमाड, बारामती बाजार समिति बंद रहेगी. इसलिए सब्जियों की आपूर्ति प्रभावित होना तय है. लेकिन राज्य भर में अस्पताल, दवाइयों की दुकानेंं जैसी जरूरी सेवाओं को बंद से अलग रखा गया है.

मुंबई के डब्बेवालों की सेवाएं जारी

मुंबई के डब्बावालों ने भी बंद का विरोध करने का फैसला किया है. वे किसानों के समर्थन में काली पट्टी लगाएंगे लेकिन बंद के विरोध में अपना काम-धंधा भी चलाएंगे. राज ठाकरे की पार्टी मनसे के सिने विंग के अध्यक्ष अमेय खोपकर ने भी बंद का विरोध करते हुए कहा है कि, ‘राजनीतिक दलों की शुरू रहने दो राजनीति, लेकिन फिल्मों की शूटिंग बंद नहीं रहेगी.’ उनका कहना है कि हम किसानों का समर्थन करते हैं लेकिन शूटिंग बंद रखने का आर्थिक बोझ उठाना अब फिल्म उद्योग के कर्मचारियों के लिए असहनीय है.

NCP, शिवसेना का बंद को सफल बनाने की अपील, कांग्रेस का मौन व्रत

यूपी में हुए लखीमपुर हिंसा के विरोध में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बंद को शांतिपूर्ण तरीके से सफल बनाने का आह्वान किया है. एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने लखीमपुर हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा के पिता और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र के इस्तीफे की मांग की है. शिवसेना से आदित्य ठाकरे और संजय राउत ने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं से बंद को सफल बनाने की अपील की है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने राजभवन के सामने मूक रहकर आंदोलन करने की कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं से अपील की है. कांग्रेस दोपहर 12 बजे से राजभवन के सामने मौन व्रत रखकर आंदोलन करेगी.

बंद का समर्थन करने वाली पार्टियां ही सरकार चला रही हैं. इसलिए इन पार्टियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह स्पष्ट किया है कि ‘महाराष्ट्र बंद’ राज्य सरकार की ओर से नहीं किया जा रहा है, महाराष्ट्र सरकार में शामिल पार्टियों के स्तर पर बंद का आह्वान किया जा रहा है. इन पार्टियों ने जनता से बंद को सफल बनाने की अपील की है.

बंद करने की जबर्दस्ती पर बीजेपी ने किया विरोध का ऐलान

इस बीच बीजेपी नेता नितेश राणे ने कहा है कि अगर व्यापारियों के साथ दुकानें बंद रखने की जबर्दस्ती की गई तो बीजेपी कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर विरोध करेंगे. जो भी दुकानदार अपनी दुकानें खुली रखना चाहते हैं और जो लोग भी अपने काम-धंधे को प्रभावित नहीं करना चाहते हैं उन्हें बीजेपी कार्यकर्ता ऐसा करने में मदद करेंगे. विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण देरकर ने भी बंद पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसानों से इतनी ही सहानुभूति है तो अत्यधिक बरसात में किसान जो बर्बाद हो चुके हैं उन्हें राज्य सरकार मदद क्यों नहीं पहुंचाती है? बंद के निर्णय से लोगों के रोजगार को क्यों प्रभावित कर रही है?

मुंबई के व्यापारी पहले बंद के विरोध में उतरे, शाम को मुकरे

मुंबई के व्यापारी संघ की ओर से वीरेन शाह ने कहा कि, ‘सोमवार को दुकानें खुली रहेंगी. हम किसानों का समर्थन करते हैं. लेकिन बंद में दुकानदारों को ना घसीटा जाए. कोरोना के बाद बमुश्किल दुकानें ठीक से शुरू हो पाई हैं. फिलहाल स्टाफ को सैलरी देना ही मुश्किल हो रहा है. ठाणे के व्यापारियों ने भी दुकानें खोलने का फैसला किया है.’ लेकिन शाम तक व्यापारियों ने शाम 4 बजे तक बंद का समर्थन करने का फैसला किया है.

किसानों के समर्थन में काली पट्टियां, दुकानें खुली

पुणे जिला रिटेल संघ के अध्यक्ष सचिन निवंगुणे ने ऐलान किया कि, ‘कोरोना की वजह से चरमराई आर्थिक स्थिति अभी संभलनी शुरू ही हुई है. ऐसे में दुकानें बंद रखने की स्थिति में हम नहीं हैं. किसानों के समर्थन के लिए हम इतना जरूर करेंगे कि काले फीते की पट्टी लगाएंगे लेकिन दुकानें भी चलाएंगे. नागपुर और औरंगाबाद के व्यापारियों ने भी घोषणा कर दी है कि वे पर्व-त्योहारों के वक्त दुकानें बंद करने का समर्थन नहीं कर सकते. इसलिए नागपुर और औरंगाबाद में भी व्यापारी दुकानें खोलने पर अड़े हुए हैं.

तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के सिलसिले में अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को 11 घंटे की पूछताछ के बाद शनिवार रात को गिरफ्तार किया गया था. मामले में दर्ज प्राथिमिकी में आशीष मिश्रा का नाम है और उसपर आरोप है कि वह उन वाहनों में से एक में सवार था जिन्होंने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का विरोध कर रहे किसानों को कुचला था, जिसमें चार किसानों की मौत हो गई थी. आरोप है कि इसके बाद किसानों ने दो बीजेपी कार्यकर्ताओं और एक चालक की पीट-पीटकर हत्या कर दी. इस घटना में स्थानीय पत्रकार रमण कश्यप की भी मौत हो गई थी.


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