लखीमपुर खीरी हिंसा: हिंसा में मारे गए पत्रकार रमन कश्यप के परिजनों का आरोप- किसानों के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है

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लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए पत्रकार रमन कश्यप के परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. रमन के भाई ने कहा है कि उनके परिवार पर किसानों के खिलाफ बयान देने का दबाव बनाया जा रहा है. उन पर दबाव है कि रमन की हत्या के लिए किसानों को दोषी बताएं न कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष और उसके साथियों को. हालांकि रमन के परिजन शुरुआत से ही रमन की मौत का कारण आशीष मिश्रा की गाड़ी के नीचे से कुचले जाने को बता रहे हैं.

TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक रमन के भाई पवन ने बताया, ‘मेरे पिता और मैंने सभी को एक ही बयान दिया कि उसे (रमन) केंद्रीय मंत्री के काफिले में शामिल गाड़ी से कुचला गया और गोली मारी गई. कई पत्रकार और स्थानीय लोग अब हमसे यह कहलवाने की कोशिश कर रहे हैं कि उसे किसानों ने पीट-पीटकर मारा जो कि वास्तव में हुआ नहीं है.’ उन्होंने आगे कहा कि जिन लोगों ने रमन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखी है उन्होंने भी बताया है कि उसके शरीर पर सड़क पर घिसटने के निशान थे.

रमन के परिवार को नहीं मिली पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट

पवन ने कहा, ‘मेरा भाई पत्रकार था लेकिन हम किसान परिवार हैं. टिकैत ने जो कहा वह सही है.’ पवन ने आगे कहा, ‘मुझे अभी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं मिली है. मुझे कहा गया था कि हमारी शिकायत को एक दूसरी एफआईआर के साथ अटैच करने की प्रक्रिया जारी है जो कि पहले से दर्ज की जा चुकी है. किसानों की एफआईआर में ही हमारी शिकायत भी जोड़ी जा रही है.’ बता दें कि बीकेयू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि रमन कश्यप को किसान शहीद के रूप में गिना जाएगा, रमन के परिवार ने भी इस पर सहमति दे दी है.

पवन ने मीडिया पर लगाया आरोप

एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर हुआ है जिसमें पवन कह रहे थे, ‘वे हमारे मुंह में शब्द घुसाने की कोशिश कर रहे हैं कि उसे किसानों ने पीट-पीटकर मारा. हमने कहा कि यह झूठ है लेकिन इस पर राजनीति खत्म नहीं हो रही है.’ पवन ने बताया, ‘एक पत्रकार आए और कहने लगे कि अटॉप्सी रिपोर्ट में कहा गया है कि रमन की मौत लाठियों से पिटाई के कारण चोट से हुई है. मेरी उनके साथ बहस हो गई, उन्होंने मुझे धमकाते हुए कहा कि अगर मैं पत्रकार का भाई न होता तो इतनी तमीज से बात न करते. अटॉप्सी रिपोर्ट अभी आई नहीं है और वो लोग कहानियां बना रहे हैं.’ पवन ने कहा, ‘मैं उस वक्त शवगृह में था, मैंने चोट देखी थी, उसे लाठियों से नहीं मारा गया था.’