September 23, 2024

चुनाव प्रचार के दौरान कश्मीर में नेताओं की भाषा सुरक्षाबलों के लिए चुनौती

चुनाव प्रचार के दौरान कश्मीर घाटी में नेताओं की भाषा सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती बन रही है। सुरक्षा एजेंसियों की ओर से तैयार की जा रही रिपोर्ट में विभिन्न दलों से जुड़े नेताओं की अलगाववाद के पक्ष में बोली जा रही भाषा को लेकर चिंता जताई गई है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि पहले से आतंक और हिंसा से जूझ रहे कश्मीर घाटी में नेताओं की बयानबाजी से हिंसा की आग भड़क सकती है। सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने कहा कि हम पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

चुनाव आयोग के निर्देश के अनुरूप शांतिपूर्ण चुनाव कराने को लेकर राज्य पुलिस के अलावा सुरक्षा बल पूरी तरह से मुस्तैद हैं, लेकिन चुनाव में जिस तरह से बयानबाजी हो रही है उससे अलगाववादी ताकतों को बल मिलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने यह भी कहा कि हम हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। 

धारा 370 पर तल्खी

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा लगातार अपने बयानों की वजह से विवादों में हैं। उन्होंने गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के धारा 370 पर कथित बयान का हवाला देते हुए कहा कि जिस दिन आप धारा 370 खत्म करोगे, आप कश्मीर में महज कब्जा करने वाली ताकत बनकर रह जाओगे। जिस तरह फिलीस्तीन पर इजरायल का कब्जा है, उसी तरह जम्मू-कश्मीर पर भी हिंदुस्तान का सिर्फ कब्जा होगा। इससे पहले बुधवार को महबूबा ने कहा था कि यदि शाह धारा 370 या 35ए की डेडलाइन तय कर रहे हैं तो यह जम्मू-कश्मीर की जनता के लिए भी डेडलाइन है। अगर जम्मू-कश्मीर का जिन शर्तों के साथ विलय हुआ था उन्हें वापस लिया जाता है तो हम मुल्क से अपना विलय तोड़ लेंगे।

महबूबा के बयान खतरनाक

खासतौर पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बयानों को खतरनाक माना जा रहा है। महबूबा दक्षिण कश्मीर से आती हैं। मुख्यमंत्री बनने से पहले वे अनंतनाग सीट से सांसद रही हैं। इस बार वे फिर इसी सीट से अपना भाग्य आजमा रही हैं। इस इलाके में आतंकवाद और अलगावादियों का घाटी के अन्य इलाकों की तुलना में ज्यादा असर है। जानकारों का कहना है कि केंद्र विरोधी भावनाओं को भुनाने और अलगावादी गुटों का समर्थन हासिल करने के लिए महबूबा विवादित बयान दे रही हैं।

दूसरे नेताओं के भी बिगड़े बोल

महबूबा अकेली नहीं है। घाटी में अन्य नेताओं की जुबान भी बिगड़ी हुई है। कुपवाड़ा में एक रैली के दौरान कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने पुलिस वालों को लेकर विवादित टिप्पणी की। जबकि, उमर के जम्मू-कश्मीर का अलग पीएम बहाल करने की मांग को लेकर दिए बयान से विवाद खड़ा हो गया था।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com