विधानसभा सत्र: हंगामें की भेंट चढ़ा सत्र का पहला दिन, बावजूद पारित हुए सभी 19 विधेयक।

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देहरादून। बुधवार को उत्तराखंड विधानसभा सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा। कोरोना पर चर्चा की मांग को लेकर सदन में विपक्ष ने हंगामा किया। आरोप लगाया कि प्रदेश में कोरोना से 500 सौ से ज्यादा मौत हो चुकी हैं। इसलिए कोरोना पर चर्चा होनी चाहिए। जिसके बाद लोहाघाट से सत्ता पक्ष के विधायक पूरण सिंह फर्त्याल ने नियम 58 के तहत कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश किया। विपक्ष के हंगामे के बीच सदन में रखे सभी 19 विधेयक पारित किए गए। कैग की रिपोर्ट भी सदन के पटल में रखी गई। सभी जरूरी कामकाज निपटाने के बाद सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन की कार्रवाई के दौरान ट्रैक्टर से विधानसभा जा रहे कांग्रेस विधायकों को पुलिस ने रिस्पना पर रोक दिया, जिससे विधायक प्रीतम सिंह, काजी निजामुद्दीन, मनोज रावत समेत कई विधायक सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। विधायक काजी निजामुद्दीन और प्रीतम सिंह ने कहा कि ट्रैक्टर से विधानसभा जाना कोई गुनाह नहीं है। पुलिस किस नियम के तहत उन्हें जाने से रोक रही है।

कुछ देर बाद इन विधायकों को ट्रैक्टर से विधानसभा जाने दिया गया। कृषि विधेयक के खिलाफ विरोध जताते हुए यह विधायक ट्रैक्टर पर विधानसभा पहुंचे। कड़ी सुरक्षा और कोविड प्रोटोकॉल के बीच विधायककों को सदन में एंट्री दी गई। सभी मंत्री और विधायकों द्वारा पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी, पूर्व विधायक स्वर्गीय बृजमोहन कोटवाल और स्वर्गीय नारायण सिंह भैंसोङा को सदन में श्रद्धांजलि दी गई। जिसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई। सदन में मुख्यमंत्री, मंत्री मदन कौशिक, अरविंद पांडेय, सुबोध उनियाल, रेखा आर्या, सतपाल महाराज ,विधायक मुन्ना सिंह चैहान, मुकेश कोली, भरत चैधरी, प्रीतम सिंह चैहान, प्रीतम सिंह पंवार, ममता राकेश, सुरेंद्र सिंह जीना, काजी निजामुद्दीन, मनोज रावत आदि मौजूद रहे।