वापस लौटे प्रवासियों के लिए शुरू “मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना” में शामिल लाभार्थियों को आसानी से उपलब्ध होगा ऋण।

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देहरादून। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मंगलवार को सचिवालय स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में राज्य के सभी बैंकर्स एवं जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के सम्बन्ध में चर्चा की। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की जानकारी देते हुए सभी बैंकर्स से  योजना में शामिल लाभार्थियों को तत्परता के साथ ऋण उपलब्ध कराने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश है कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना कोविड-19 से प्रभावित वापस लौटे प्रवासियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के मध्यनजर शुरू की गई है।

उन्होंने योजना में तेजी लाने के लिये 10 लाख तक के छोटे एवं लघु उद्योग के ऋण प्रकरणों में कोलेटरल की शर्त न लगाने के निर्देश दिये तथा बैंकों से अपेक्षा की है कि वे बिना किसी ठोस कारण किसी आवेदन को निरस्त न किया जाए एवं निरस्त करने के कारणों का स्पष्ट उल्लेख भी किया जाए। उन्होंने कहा कि मा. मुख्यमंत्री द्वारा यह भी निर्देश दिये गये हैं कि सभी बैंकर्स मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में समय सारणी के तहत कार्य करें और जिलाधिकारी उसका निरंतर अनुश्रवण करें। उन्होंने कहा कि जो बैंक योजना में अच्छा कार्य करेगा उस बैंक में शासकीय धन जमा करने में प्राथमिकता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का मानना है कि आत्मनिर्भर भारत के लिये स्वरोजगार की राह पर चलना आवश्यक है, जिसको देखते हुए योजना प्रारम्भ की गई है।

अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने समस्त बैंकर्स को निर्देश दिये कि वे अपने अधीनस्थ समस्त शाखाओं में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत ऋण की गति बढ़ाने हेतु स्पष्ट निर्देश जारी करना सुनिश्चित करें ताकि इस सम्बन्ध में संवादहीनता की स्थिति उत्पन्न न हो। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बैंकों की जिन शाखाओं में इससे सम्बन्धित गाइड लाइन उपलब्ध नहीं है उन्हें यह शीघ्र उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों द्वारा उठाई गई समस्याओं पर सम्बन्धित बैंकों को निर्देश दिये।

बैठक में सचिव ऊर्जा राधिका झा ने बताया कि प्रदेश में सोलर व पिरूल प्रोजेक्टों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सोलर में लगभग 283 परियोजनायें आवंटित की गई हैं, जिनमें लगभग 1000 करोड़ का निवेश सम्भावित है। उन्होंने बताया कि  प्रदेश सरकार द्वारा पिरूल के भी 38 प्रोजेक्ट आवंटित किये जा चुके हैं। इन योजनाओं का यूपीसीएल के साथ करार भी किया गया है। राधिका झा ने सभी बैंकर्स से इन  योजनाओं को सफल बनाने की अपेक्षा की। सचिव कृषि हरबंस सिंह चुघ द्वारा बताया गया कि प्रधानमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर भारत की घोषणा के तहत कृषि सेवा क्षेत्र को बढ़ाने के लिये अवसंरचना कोष बनाया गया है। तथा मध्यावधि ऋण में 3 वर्षों तक ब्याज स्वयं सरकार के स्तर पर वहन करने का फैसला लिया है जिससे इस क्षेत्र के समग्र विकास की रूप रेखा निश्चित हुई है। उन्होंने समस्त जिलाधिकारियों से अपेक्षा की कि वे बैंकर्स से समन्वय कर योजनाओं के चयन में तेजी लायें।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कुमाऊँ मण्डल आयुक्त अरविन्द सिंह ह्यांकी, जिलाधिकारी अल्मोड़ा नितिन भदौरिया, जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर रंजना, जिलाधिकारी पिथौरागढ़ डॉ. विजय जोगदंडे, जिलाधिकारी टिहरी मंगेश घिल्डियाल, जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित, जिलाधिकारी देहरादून आशीष श्रीवास्तव, जिलाधिकारी पौड़ी धीराज सिंह गर्ब्याल ने अपने अपने जनपद की अध्यतन जानकारी प्रस्तुत की।
      इस अवसर पर सचिव अमित नेगी, दिलीप जावलकर, सौजन्या, आर मीनाक्षी सुंदरम, एस. ए. मुरूगेशन के साथ ही विभागाध्यक्ष एवं बैंकों के अधिकारी आदि उपस्थित थे।