जानिए- किन-किन चुनावों में कब-कब गलत साबित हुए हैं एग्जिट पोल के आंकड़े

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लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले कल एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आए, जिसमें एनडीए पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाता दिख रहा है. कल से हर जगह लोग सिर्फ एग्जिट पोल की ही चर्चा कर रहे हैं. हालांकि कोई इन आंकड़ों पर भरोसा जता रहा है तो कोई इन आंकड़ों को पूरी तरह नकार रहा है. ये सच है कि एग्जिट पोल्स के आंकड़े हमेशा सही साबित नहीं हुए हैं, बल्कि कई बार एग्जिट पोल के आंकड़ों में भारी उलट फेर देखने को मिल चुका है.

इन-इन विधानसभा चुनावों में फेल हुए एग्जिट पोल

2007 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव

2007 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल्स में किसी ने भी नहीं कहा था कि मायावती की बहुजन समाज पार्टी पूर्व बहुमत के साथ सरकार बनाएगी, लेकिन बाद में नतीजों ने सबको चौंका दिया था. इस चुनाव में 16 बाद किसी पार्टी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी और वो मायावती की पार्टी बसपा ही थी. 403 विधानसभा सीटों वाले यूपी में बहुमत के लिए 202 सीटें चाहिए होती हैं. इस चुनाव में बसपा अपने दम पर 206 सीटें लेकर आई थी.

2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव

2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों ने तो पूरे देश की ही चौंका दिया था. इस चुनाव के एग्जिट पोल में किसी ने भी अनुमान नहीं लगाया था कि साल 2012 में अस्तित्व में आने वाली आम आदमी पार्टी तीन साल बाद 2015 में राजधानी दिल्ली में एक तिहाई से भी ज्यादा सीटों के साथ सरकार बनाएगी. 70 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में आम आमदी पार्टी ने 67 सीटें अपने नाम की थी. जबकि बीजेपी को सिर्फ तीन सीटें मिली थीं. इस चुनाव में 15 साल से लगातार सत्ता में रही कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई थी.

2015 बिहार विधानसभा चुनाव

2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल्स में जेडीयू और आरजेडी के गठबंधन से सबको चौंका दिया था. किसी ने भी अनुमान नहीं लगाया था कि इस चुनाव में जेडीयू और आरजेडी मिलकर सरकार बनाएंगी. इस चुनाव में विधानसभा की 243 सीटों में से जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस महागठबंधन ने 178 सीटों पर जीत मिली थी. चुनाव में आरजेडी को 80, जेडीयू को 71 और कांग्रेस को 27 सीटें मिली थीं. वहीं, बीजेपी गठबंधन को सिर्फ 58 सीटें हीं मिली थी.

2016 तमिलनाडु विधानसभा चुनाव

साल 2016 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में सभी एग्जिट पोल्स में कहा गया था कि इस बार सत्ता विरोधी लहर होने के कारण जयललिता की पार्टी AIADMK सत्ता में नहीं आएगी. इन एग्जिट पोल्स में डीएमके और कांग्रेस गठबंधन की जीत की भविष्यवाणी की गई थी. लेकिन नतीजों ने सबको चौंका दिया. इस चुनाव में 234 विधानसभा सीटों में से AIADMK ने 114 सीटें लाकर एक बार फिर सरकार बनाई. तब DMK ने 88 और कांग्रेस ने सिर्फ 8 सीटें जीती थीं, जबकि एक सीट अन्य के खाते में गई थी.

साल 2014 लोकसभा चुनाव

साल 2014 में एनडीए ‘मोदी लहर’ पर सवार होकर 336 सीटों के साथ सत्ता में आई थी. लेकिन तब एग्जिट पोल में सिर्फ टुडेज चाणक्य ने एनडीए का आकड़ा 300 के पार जाने का अनुमान लगाया था. इसको छोड़कर बाकी सबका अनुमान गलत साबित हो गया था. चाणक्य ने एनडीए को 340 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था और बीजेपी को 291 सीटें. जबकि बीजेपी 282 सीटें जीती थी.

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