कोरोना का असर: मानसून सत्र में संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में हो सकती है लोकसभा की बैठक
संसद के मानसून सत्र में लोकसभा की बैठक संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित करने के विकल्प पर विचार चल रहा है. कोरोना वायरस संकट के चलते संसद का मानसून सत्र अगर समय पर जुलाई में आयोजित हुआ तो लोकसभा की बैठक संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में हो सकती है.
सूत्रों के मुताबिक कोरोना के संक्रमण से बचने का सबसे आसान तरीका सोशल डिस्टेंसिंग है और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए लोकसभा और राज्यसभा की बैठक के लिए नियत भवनों से केंद्रीय कक्ष और लोकसभा कक्ष में स्थानांतरित करने का विकल्प खुला हुआ है. बता दें कि संसद भवन के केंद्रीय कक्ष की क्षमता अतिरिक्त कुर्सियां के साथ 1000 लोगों के बैठने की हो जाती है.
लोकसभा की बैठक संसद के केंद्रीय भवन में की जा सकती है
ऐसे में लोकसभा के 545 सांसदों को सामाजिक दूरी के नियम के साथ बैठाया जा सकता है. ऐसे में लोकसभा की बैठक संसद के केंद्रीय भवन में की जा सकती है. ठीक ऐसे ही राज्यसभा के सदस्यों की बैठक लोकसभा के कक्ष में सामाजिक दूरी के नियम के साथ की जा सकती है. लोकसभा के कक्ष में राज्यसभा के 250 सदस्यों की बैठक सामाजिक दूरी के नियम के साथ आसानी से की जा सकती है. यही वजह के लोकसभा सचिवालय सरकार के साथ मिल बैठकर संसद के मानसून सत्र के आयोजन के विकल्प पर विचार कर सकता है.
सांसद तिरुचि शिवा पहले की कर चुके हैं मांग
डीएम के सांसद तिरुचि शिवा संसद भवन का सत्र लोकसभा की बैठक केंद्रीय कक्ष और राज्यसभा के सदस्यों की बैठक लोकसभा कक्ष में बुलाने की मांग पहले ही कर चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक जुलाई तक अगर कोरोना का संक्रमण काबू में आ गया या संक्रमण को सीमित किया जा सका तब ही संसद का मानसून सत्र नई बैठक व्यवस्था के साथ आयोजित किया जाएगा.
अगर संक्रमण और भी ज्यादा भयानक हो गया तब फिर संसद के मानसून सत्र को आगे बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है. इसके बावजूद अगर संसद का सत्र आयोजित करना पड़ा तब फिर इतिहास में पहली बार संसद का सत्र ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बुलाया जा सकता है. हालांकि सूत्रों का कहना है वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संसद का सत्र बुलाना और उसे चलाना संसद की बैठक के लिए एक आदर्श स्थिति निर्मित नहीं कर सकता है.
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने की ऑनलाइन सत्र बुलाने की मांग
बता दें कि कांग्रेस नेता मनीष तिवारी सरकार से संसद के ऑनलाइन सत्र बुलाने की मांग कर चुके हैं. मनीष तिवारी ने कहा था कि सरकार को संसद का मानसून सत्र नई तकनीक का सहारा लेकर ऑनलाइन बुलाना चाहिए ताकि देश के हालातों और सरकार की नीतियों पर चर्चा हो सके.