September 22, 2024

लोन मोरेटोरियम मामला: सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को आखिरी मौका, कहा- अबकी बार ठोस योजना के साथ आएं

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को लोन मोरेटोरियम मामले में केंद्र सरकार को आखिरी मौका देते हुए कुछ ठोस योजना के साथ आने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। मामले पर सख्त होते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि यह केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक के लिए योजना के साथ आने का यह अंतिम मौका है और इस मामले को आगे स्थगित करने से इनकार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि दो सप्ताह में क्या होने जा रहा है? हम केंद्र को समय दे रहे हैं, लेकिन ठोस निर्णय लें। न्यायालय की टिप्पणी उन याचिकाओं के एक समूह की सुनवाई के दौरान आई है जो मोरेटोरियम अवधि के दौरान ईएमआई के ब्याज की माफी की मांग कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राहत के लिए बैंकों और अन्य हितधारकों के साथ उच्चतम स्तर पर विचार चल रहा है।

पिछले हफ्ते केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि भारतीय रिज़र्व बैंक के परिपत्र के अनुसार ऋण के लिए मोरेटोरियम अवधि को दो साल तक बढ़ाया जा सकता है। केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से आग्रह किया था कि केंद्र को केंद्रीय बैंक और बैंकर्स एसोसिएशन के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने और ब्याज माफ करने के मुद्दे पर एक समाधान पर पहुंचने की अनुमति दी जाए।

कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव के कारण केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई मोहलत 31 अगस्त को समाप्त हो गई है। 26 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान घोषित मोरेटोरियम अवधि के दौरान ऋण पर ब्याज के साथ-साथ ब्याज टालने पर केंद्र के जवाब मांगते हुए अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा था।

मोरेटोरियम अवधि के दौरान लोन पर ब्याज लगाने वाले वित्तीय संस्थानों के खिलाफ सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने लोन मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर छूट की स्थिति पर कोई रुख नहीं अपनाने के लिए केंद्र की खिंचाई की।

शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र इस मुद्दे पर भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले के पीछे छिपा हुआ है, खासकर जब इसके पास आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत पर्याप्त शक्तियां हैं, जहां यह बैंकों को स्थगित ईएमआई पर ब्याज लेने से रोकने का निर्णय ले सकता है।


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