दूसरे दिन भी सदन में नहीं पहुंचे अखिलेश तो डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कसा तंज, बताई ये वजह
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विधानसभा सत्र दूसरे दिन भी सदन में नहीं पहुंचे तो बीजेपी ने उनको चौतरफा घेरा. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश मैनपुरी में प्रचार करते थक गए, बीजेपी ने थका दिया, इसीलिए आराम कर रहे हैं. उन्हें नेता प्रतिपक्ष के नाते सदन में रहना चाहिए था. कल चुनाव था और वे वहां के मतदाता हैं तो कह सकते हैं कि इसलिए नहीं आये लेकिन आज नहीं आये क्योंकि थकान है, आराम कर रहे हैं.
ईवीएम की सुरक्षा पर क्या कहा
ईवीएम की सुरक्षा पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ये सपा की सरकार नहीं जो गड़बड़ी हो. जो मतदान हुआ उसी की गिनती होगी, जो जीतने वाला होगा वही जीतेगा, बीजेपी जीत रही, ये वो भी जानते हैं लेकिन अखिलेश यादव बस ऐसी बातें कर माहौल बना रहे हैं कि रखवाली कर रहे हैं. निर्वाचन आयोग में तो हम लोग गए क्योंकि सपा हमेशा मैनपुरी में गड़बड़ी करती रही. इस बार उनके गुंडे बूथ कैप्चरिंग, गुंडागर्दी, डराना धमकाना, खरीद फरोख्त कम कर पाए. इस वजह से वे तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं. मैनपुरी की जनता से पूछो, वह कहती है कि कैसे सैफई कुनबे से मुक्ति पाएं.
विपक्ष के पास मुद्दा नहीं-मौर्य
सदन में हंगामे पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि विपक्ष के पास सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वे बहस नहीं हंगामा करते हैं. ऐसे लोग जनता की अदालत में परास्त होकर विपक्ष में बैठते हैं. लगातार 4 चुनाव में सपा चारों खाने चित्त हो चुकी है फिर भी सुधर नहीं रहे. सपा समाप्तवादी पार्टी है.
विपक्ष की तरफ से अनुपूरक बजट को गैर जरूरी बताने पर मौर्य ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट और प्रयागराज कुम्भ इनके लिए गैरजरूरी हैं. तीर्थ स्थलों का विकास, गरीब को घर मिले, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित हो रहे हैं वो इनके लिए गैरजरूरी हैं. उनमें किसी मुद्दे पर डिबेट करने की क्षमता नहीं है इसीलिए सदन में चर्चा से भागते हैं.
पुरानी बात का किया जिक्र
पुरानी बात की चर्चा करते हुए केशव मौर्य ने कहा कि एक सत्र में मैं भी था जब अखिलेश यादव बोले तो हम धैर्यपूर्वक सुन रहे थे और जब हम बोले तो वे अपना धैर्य खो दिए. जब उनका नेता धैर्य नहीं रख सकता तो सदस्य कैसे रखेंगे. निकाय चुनाव को लेकर डिप्टी सीएम मौर्य ने कहा कि बीजेपी हर चुनाव के लिए तैयार है. कहीं कोई आरक्षण हो कमल खिलेगा, हमारे कार्यकर्ता जुटे हुए हैं.