September 22, 2024

वेदांत-फॉक्सकॉन प्रोजेक्ट गया तो महाराष्ट्र सरकार जगी, टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट लाने की तैयारी में लगी

वेदांत-फॉक्सकॉन प्रोजेक्ट गुजरात चले जाने से जो झटका लगा है, उससे महाराष्ट्र सरकार एकदम से हरकत में आ गई है. अब शिंदे-फडणवीस सरकार किसी भी तरह से टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट को महाराष्ट्र में ही शुरू करवाने की तैयारी में पूरी ताकत से जुट चुकी है. सीएम एकनाथ शिंदे ने कल ही फोन पर पीएम मोदी से बात कर राज्य में निवेश के लिए केंद्र के सहयोग की अपील की. सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम फडणवीस इस संबंध में उनसे मिलने दिल्ली जाने की तैयारी भी कर रहे हैं.

साथ ही सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम फडणवीस फाइटर प्लेन बनाने वाले टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट को महाराष्ट्र लाने के लिए भी कमर कस चुके हैं. इस प्रोजेक्ट के लिए बीजेपी शासित राज्यों में ही जबर्दस्त प्रतिस्पर्द्धा शुरू है. यह प्रोजेक्ट पाने के लिए उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश की ओर से कोशिशें की जा रही हैं. गुजरात भी अपने राज्य में राष्ट्रीय सुरक्षा और एयरोस्पेस से जुड़़े प्रोजेक्ट को लाने के पूरी तैयारी कर रहा है.

टाटा-एयरबस बनाएगी 40 फाइटर प्लेन

यह पूरा प्रोजेक्ट 21 हजार करोड़ रुपए का है. रक्षा मंत्रालय की ओर से इस प्रोजेक्ट को पहले ही हरी झंडी दिखाई जा चुकी है. इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने दो कंपनियों से करार किया है. इसके तहत भारत में 40 फाइटर प्लेन बनाए जाने हैं. टाटा-एयरबस भारत की पहली ऐसी प्राइवेट कंपनी होगी जो इस तरह के प्रोजेक्ट को करने जा रही है. इससे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स कंपनी का मोनोपोली खत्म होने जा रहा है.

टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट भारत को एयरोस्पेस फील्ड में उन्नत बनाएगा

मई 2015 में डीएसी के प्रमुख के तौर पर पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट को सबसे पहले मंजूरी दी थी. टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट भारत को एयरोस्पेस की फील्ड में एक अलग ही ऊंचाई पर पहुंचा देगा.

25 हजार रोजगार, देश की सुरक्षा का इंतजाम भी शानदार

एक तरफ फॉक्सकॉन वेदांत प्रोजेक्ट भारत को सेमीकंडक्टर के निर्माण में आत्मनिर्भर बना देगा तो यह टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट भारत को रक्षा क्षेत्र में ना सिर्फ आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा बल्कि आने वाले वक्त में भारत दूसरे देशों को भी ऐसे प्लेन निर्यात कर पाने में सक्षम होगा. इस प्रोजेक्ट से ना सिर्फ विदेशी मुद्राओं की बचत होगी बल्कि 25 हजार रोजगार भी दिए जाएंगे.

नागपुर में आ सकता है यह प्रोजेक्ट, क्योंकि यह है डिफेंस और कार्गो हब

राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस जल्दी ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल से भी मुलाकात कर सकते हैं. दरअसल यह प्रोजेक्ट नागपुर लाने की कोशिशें की जा रही हैं. नागपुर की पहचान पहले से ही डिफेंस और कार्गो हब के तौर पर है. बोईंग , ब्रह्मोस जैसी कंपनियां नागपुर में ही मौजूद हैं.

टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट करेगी ये काम, किया जा चुका है इंतजाम

टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट के तहत मिडियम साइज के कार्गो प्लेन तैयार किए जाएंगे. कुल 56 सी-295 प्लेन का निर्माण होगा. ये विमान एयरफोर्स के एवीआरओ-748 विमान को रिप्लेस करेंगे. इसके अलावा 5 से 10 टिन तक का भार उठा सकने लाएग वैसे प्लेन तैयार किए जाएंगे जो छोटे रनवे या आधे-अधूरे तैयार रनवे पर उतरने की क्षमता रख सकेंगे.

 


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