देहरादून के पहले सांसद महावीर त्यागी ने नेहरु से देहरादून में ONGC के मुख्यालय की स्थापना करवाई थीं

शीशपाल गुंसाई
आज गांधी जयंती के अवसर पर देहरादून के गांधी विचार धारा वाले नेता महावीर त्यागी याद आ गए। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महावीर त्यागी कभी देहरादून में गाय पालते थे और खुद ही साइकिल में दूध बेचते थे। उनके अंदर देहरादून को ऊंचाइयों पर ले जाने का जज्बा था। शुरुआत में उन्होंने नेहरू से देहरादून को ऐसा तोहफा दिलाया कि, आज वह राज्य के काम आ रहा है।
देहरादून के 1952 में पहले सांसद महावीर त्यागी को जैसे पता चला की ऋषिकेश में आईडीपीएल और हरिद्वार में बीएचईएल वहां के दो बड़े स्थानीय नेताओं ने खुला दिए हैं तो उन्होंने तुरंत भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू के सामने देहरादून में ओएनजीसी स्थापना का प्रस्ताव रखा।जिसे मान लिया गया। नेहरू खुद भी देहरादून के सौंदर्य से वाकिफ थे। वह देश की आजादी के दिनों में देहरादून जेल में रहे। और वह छुट्टियाँ बिताने देहरादून आते रहते थे। महावीर त्यागी के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि थीं।
सांसद महावीर त्यागी देहरादून के पहले सांसद थे, ओएनजीसी की देहरादून में स्थापना से देहरादून का विकास हुआ। ओएनजीसी के वजह से भी देश में देहरादून को अलग से पहचान मिली। त्यागी जी इज्जत और बढ़ गई।
उत्तराखंड राज्य से कुल इनकम टैक्स भारत सरकार को साढ़े 12 हज़ार करोड़ रुपए जाता है। जिसमें ओएनजीसी का अकेले साढ़े आठ हजार करोड़ रुपए होता है। राज्य के विकास के लिए प्राप्त हुए टैक्स के अनुपात में केंद्रीय वित्त मंत्रालय राज्य को बजट का आवंटन करता है। इसलिए राज्य की बजट में पूछ होती है। गर्व की बात यह है कि,ओएनजीसी का मुख्यालय देहरादून में है।
महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी देहरादून के पहले सांसद थे और उन्हें 1952 में राज्यमंत्री और 1964 में नेहरू ने कैबिनेट मंत्री बनाया। महावीर त्यागी का स्मरण किया जाना चाहिए। राज्य के विकास के लिए सदैव ओएनजीसी का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वह संस्थान समय-समय पर देहरादून के विकास के लिए अपना योगदान देता रहा है। उसने नगर निगम को ऐतिहासिक घण्टाघर देहरादून के सुंदरीकरण के लिए करोड़ों रुपए दिए थे। आज गांधी जयंती में त्यागी जी याद आये। गांधी जी और त्यागी जी 18 वीं सदी में पैदा हुए। महावीर त्यागी पहले अजबपुर में रहते थे बाद में त्यागी रोड में रहने लगे उनके नाम से त्यागी रोड का नामकरण हुआ जो प्रिंस चौक से रेस कोर्स की तरफ जाती है। उनके भवन में त्यागी रोड पर भारत सरकार के पुरातनतम का दफ्तर है।