मणिपुर हिंसाः केंद्र का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा, राज्य से बाहर हो मामले की सुनवाई, एफआईआर के बाद सीबीआई की जांच शुरू

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मणिपुर हिंसा को लेकर सीबीआई ने 6 एफआईआर दर्ज कर 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया हैं। वहीं उधर केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कोर्ट को बताया कि महिलाओं के वीडियो वाले मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी हैं। मणिपुर पुलिस वीडियो में दिख रहे 8 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

हालांकि कोर्ट में शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई टल गई क्याेंकि सीजेआई चंद्रचुड़ अस्वस्थ थे। अब इस मामले में सुनवाई सोमवार को होगी। हलफनामे में केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा कि इस मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर की जाए ताकि समय पर सुनवाई पूरी हो सके। वहीं आज विपक्षी सांसदों का एक दल मणिपुर रवाना हो गया। यह दल आज और कल मणिपुर में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगा।

मणिपुर सरकार ने की थी सीबीआई जांच की सिफारिश

हलफनामे में केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि वायरल वीडियो मामले में अब तक पुलिस 8 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के मामले में उनकी पाॅलिसी जीरो टोलरेंस की रही है। केंद्र ने कहा कि मणिपुर सरकार ने 26 मई को सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की थी जिसे गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है।

आरक्षण को लेकर आमने-सामने हैं दोनों समुदाय

बता दें कि मणिपुर में बीते 86 दिनों से हिंसा भड़की हुई है। मणिपुर के 2 प्रमुख समुदाय मैतेई और कुकी आरक्षण को लेकर आमने-सामने हैं। अब तब इस हिंसा में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं हजारों लोग फिलहाल शरणार्थी कैंपों में रह रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने लिया था स्वतः संज्ञान

मणिपुर के कांगपोकपी जिले में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। जानकारी के अनुसार ये वीडियो 4 मई के थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को स्वतः संज्ञान लेते हुए सीजेआई ने कहा कि ’’वह वीडियो से बहुत व्यथित है और हिंसा को अंजाम देने के हथियार के रूप में महिलाओं को इस्तेमाल किसी भी संवैधानिक लोकतंत्र में पूरी तरह अस्वीकार्य है।’’