मणिपुर दौरे पर रवाना हुए विपक्षी गठबंधन के 21 सांसद, हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा कर पीड़ित परिवारों से करेंगे मुलाकात
विपक्षी दलों के सांसदों का एक दल मणिपुर में जारी हिंसा का जायजा लेने के लिए आज वहां का दौरा करने वाला है। इसमें विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवपलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस के 16 दलों के 21 सांसद राज्य के हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करेंगे। इन लोगों का प्रभावित परिवारों से मुलाकात करने का भी कार्यक्रम है।
#WATCH | INDIA alliance MPs onboard the flight to Manipur from Delhi airport pic.twitter.com/wKHidDqgDt
— ANI (@ANI) July 29, 2023
विपक्षी सांसदों दो दिवसीय दौरा
मणिपुर जा रहे विपक्षी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का ये दो दिवसीय दौरा होगा। ये सांसद 29 और 30 जुलाई को मणिपुर के दौरे पर रहेंगे। इस प्रतिनिधि मंडल में कांग्रेस के 4 सांसद, जीडीयू के 2 सांसद, आरजेडी, टीएमसी, आप, शिवसेना( यूबीटी), डीएम के एक-एक सांसद शामिल हैं। जबकि दूसरे विपक्षी दलों के 10 सांसद भी इस प्रतिनिधि मंडल में शामिल है।
ये सांसद हिंसा प्रभावित इलाकों का करेंगे दौरा
इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई और फूलोदेवी नेताम के नाम शामिल हैं। जबकि जेडीयू की ओर से राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, अनिल हेगड़े, जेडीयू के मनोज कुमार झा, टीएमसी की सुष्मिता देव, आम आदमी पार्टी सांसद सुशील गुप्ता, समाजवादी पार्टी से जोवद अली खान, आरएलडी के जयंत चौधरी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के महुआ माजी शामिल हैं।
इनके साथ ही एनसीपी के मोहम्मद फैजल, शिवसेना (UBT) के अरविंद सावंत, डीएमके की कनिमोई, डीएमके के डी रवि कुमार, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी से एनके प्रेमचंद्रन, वीसीके पार्टी से टी थिरुमावलवन, सीपीएम के संदोश कुमार, सीपीआई के एए रहीम और आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर भी इस प्रतिनिमंडल में शामिल होंगे।
मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र पर हमलावार विपक्ष
आपको बता दें कि मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्षी पार्टिया केंद्र सरकार पर हमलावार है और संसद में लगातार हंगामे हो रहे हैं। मणिपुर हिंसा मामले पर विपक्ष संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर अड़ा है। वहीं सत्ता पक्ष यानी सरकार का कहना है कि इस मसले वो संसद में बहस के लिए तैयार है और गृहमंत्री अमित शाह इस पर बयान भी देंगे। लेकिन विपक्षी की मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में इस बयान और मणिपुर में शांति बहाली के लिए एक रूपरेखा तैयार करनी चाहिए।