तमिलनाडु पुलिस हिरासत में मौत पर CBI के कई बड़े खुलासे: शाम 7:45 से सुबह 3 बजे तक बाप-बेटे को पीटते रहे पुलिसकर्मी
इस साल जून में तमिलनाडु में एक व्यक्ति और उसके बेटे की हिरासत में मौत पर सीबीआई का कहना है कि दोनों को पुलिसकर्मियों द्वारा छह घंटे से अधिक समय तक यातना दी गई थी। उन्हें इतनी बेरहमी से पीटा गया कि थाने की दीवारों पर खून के छींटे पड़े थे, जिनके बारे में फॉरेंसिक सबूत से पता चलता है।
जयराज और उनके बेटे बेनीक्स को 19 जून को कर्फ्यू से 15 मिनट पहले अपनी मोबाइल फोन की दुकान खुली रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जयराज को पुलिस द्वारा ले जाने के बाद उनका बेटा पुलिस स्टेशन पहुंचा, जिसको भी गिरफ्तार कर लिया गया।
सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि दोनों को “शाम 7.45 से 3 बजे सुबह तक यातनाएं दी गई और उनके साथ क्रूर अत्याचार किया गया।” पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, ब्लंट की चोटों के कारण बेनीक्स की मृत्यु हो गई। पुलिसकर्मियों ने अपने बनियान का उपयोग बेनिक्स को थाने में खून साफ करने के लिए किया।
सीबीआई ने यह भी कहा है कि अपराध को ढकने करने के लिए बेनीक्स और जयराज के खिलाफ एक झूठी एफआईआर दर्ज की गई थी। जांच में पता चला है कि दोनों ने लॉकडाउन दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं किया।
सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में कहा, ‘पुलिस ने सबूतों को नष्ट कर दिया और पिता व पुत्र के खून से सने कपड़े सरकारी अस्पताल में कूड़ेदान में फेंक दिए गए।’ पुलिसकर्मियों ने दोनों व्यक्तियों पर अत्याचार करने के लिए लाठी का इस्तेमाल किया। उनका खून संथानकुलम पुलिस स्टेशन की दीवारों पर बिखरा हुआ था, जिसका पता फोरेंसिक टीमों ने लगाया।
सीबीआई ने कहा, “तथ्य यह है कि बेनीक्स और जयराज को आरोपी पुलिस अधिकारियों द्वारा 19 जून, 2020 की शाम और पुलिस स्टेशन संथानकुलम में 19-20 जून की रात को बर्बरतापूर्ण यातनाएं दी गई थीं।”
22 जून को घंटे के भीतर दोनों की चोटों से मृत्यु हो गई। जिस दिन दोनों को पीटा गया था, उस दिन का कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं था। मजिस्ट्रेट द्वारा अदालत को बताया गया कि पुलिस स्टेशन में सुरक्षा कैमरे हर दिन ऑटो-डिलीट फुटेज के लिए प्रोग्राम किए गए थे, हालांकि सिस्टम की हार्ड डिस्क में स्टोरेज स्पेस पर्याप्त है।
पिता और बेटे की मौत से राज्य में गुस्सा था और इसमें शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अभियान चलाया गया।