उत्तराखंड:पलायन आयोग की रिपोर्ट में पहाड़ के एक हजार गांव खाली
उत्तराखंड में अब पलायन की समस्या का इलाज हो सकेगा. पांच महीने के भीतर पलायन आयोग ने एक रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमन्त्री को सौंपी है. इस रिपोर्ट में ये बताया गया है कि लगभग एक हजार गांव खाली हो गए हैं. मगर कई गांव ऐसे भी हैं जहां लोग वापस आकर रहने लगे हैं. बताया जा रहा है कि सरकार जल्द ही ये रिपोर्ट सार्वजनिक करने की तैयारी में है.
पहाड़ के घरों में लटकते ताले और गांव में दूर दूर तक फैला सन्नाटा ये बताने के लिए काफी है कि किस तरह से उत्तराखंड के गांव पलायन की समस्या के कारण पूरी तरह खाली हो गए हैं. राज्य पलायन आयोग ने पांच महीना के अध्ययन के बाद कई मुद्दों पर रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमन्त्री को सौंप दी है. 84 पन्नों की इस रिपोर्ट में प्रदेश की सात हजार ग्राम पंचायतों से आंकड़े जुटाए गए हैं. 6 पर्वतीय जिलों के 30 विकास खंडों में पलायन की बात सामने आई है.
सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट में लगभग एक हजार ऐसे गांवों का जिक्र किया गया जो खाली हो गए हैं. ऐसे गांवों को पहाड़ में भुतहा गांव की संज्ञा दी गई है. हालांकि राज्य पलायन आयोग के उपाध्यक्ष ने न्यूज़ 18 से बातचीत में कहा कि कुछ तथ्य ऐसे भी हैं जिनसे पता चलता है कि बड़ी संख्या में पहाड़ छोड़कर गए लोग वापस भी लौटे हैं और स्वरोजगार कर रहे हैं.
सरकार पलायन आयोग की रिपोर्ट जल्द ही सार्वजनिक करने की तैयारी में है. रिपोर्ट में उत्तराखंड के पौड़ी, टिहरी, अल्मोड़ा, रूद्रप्रयाग जिलों में पलायन की बात कही गई है. रिपोर्ट में नेपाली मजदूरों की बढ़ती संख्या का भी ब्योरा दिया गया है. बड़ी संख्या में नेपाली मजदूर प्रदेश का रूख कर रहे हैं. इस वजह से जनसांख्यिकीय समीकरण बदल रहे हैं. रिपोर्ट के आधार पर सरकार रोजगार परक कार्यक्रम चलाने के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं के लिए फैसला ले सकती है. हालांकि मुख्यमन्त्री कह रहे हैं कि अभी रिपोर्ट का अध्ययन किया जाएगा.