मिशन-2022ः उत्तराखंड में हरीश रावत को ही मिलेगी चुनाव अभियान समिति कमान!!
दस्तावेज डेस्क। कांग्रेस के बड़े नेता हरीश रावत को उत्तराखण्ड में आने वाली विधान सभा चुनावों के लिए चुनाव अभियान समिति की कमान सौंपने की तैयारी में है। विधान सभा चुनाव 2022 के लिए दिल्ली में हाईकमान और उत्तराखण्ड की दिग्गज नेताओं के बीच मंथन और बैठकों को दौर चल रहा है। बीते 7 मई की बैठक में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन और कोरोना महामारी के बाद बदले हालातों में पार्टी ने सिरे से रणनीति बना नही है।
सूत्रों के मुताबिक मंथन बैठक में हरीश रावत को चुनाव अभियान समिति की कमान मिलना लगभग तय है। चर्चा है कि 11 मई की मंथन बैठक में इसको लेकर पार्टी हाईकमान घोषणा कर सकता है। 7 मई को हुई बैठक में उत्तराखण्ड कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव समेत कई बड़े नेताओं ने शिरकत की। हरीश रावत मौजूदा समय में पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हैं। और पार्टी में महासचिव की हैसियत रखते हैं। वे देश के उन चुंनिदा नेताओं में है जो हर मंच और क्षेत्र में सक्रिय नजर आते हैं। उत्तराखण्ड के विकास के लिए उनका अपना विजन है। वे उत्तराखण्डित की बात करते हैं। उनके अंदर गजब की ऊर्जा है। वे एक तरफ सोशल मीडिया में सक्रिय दिखाई देते हैं तो दूसरे ही पल पंजाब में नजर आते हैं। सुबह वे हरिद्वार में कार्यककर्ताओं के बीच होते हैं। दोपहर तक काशीपुर-हल्द्वानी में नजर आते हैं। तो शाम को गढ़वाल के किसी हिस्से में जनता की समस्याओं को लेकर बातचीत करते दिखाई दे जाते हैं। वहीं साथ शाम ढलते-ढलते किसी टीवी न्यूज चैनल में देश के मौजूदा हालत में बहस करते हुए मिलते है।
प्रदेश की बात करें तो हरीश रावत इस वक्त कांग्रेस के एकमात्र नेता हैं जो मैदान से लेकर पहाड़ तक और कुमाऊं से लेकर गढ़वाल के नेता हैं। पार्टी में कार्यकर्ताओं के बीच उनकी एक अलग छाप है।
इन सबके बावजूद प्रदेश कांग्रेस के भीतर उनके विरोधी भी सक्रिय है। पार्टी के अंदर की गुटबाजी से प्रदेश की जनता के साथ-साथ हाईकमान भी वाकिफ है। साल 2017 में पार्टी पार्टी के कई विधायकों और केबिनट मंत्रियों की बगावत के बाद लगातर वे अपने पार्टी के भीतर अपने विरोधियों के निशाने पर है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से लेकर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश तक उनकी नीतियों से नाइत्तेफाक रखते हैं। किसी जमाने में उनके खास रणजीत रावत भी खुलकर उनके खिलाफ खड़े हो गये हैं। लेकिन प्रदेश कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं के विरोध के बावजूद भी पा%B