काशी की खूबसूरती में चार चांद लगाने को तैयार ‘नमो घाट’, पीएम मोदी जल्द कर सकते हैं उद्घाटन
वाराणसी में इन दिनों नमस्ते करता हुआ स्कल्पचर पर्यटकों को काफी आकर्षित कर रहा है। जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से सांसद बने हैं, काशी लगातार निखरती जा रही है। बनारस के घाट संवरते जा रहे हैं। 80 घाट के बाद, अब ‘नमो घाट’ (खिड़किया ) काशी की खूबसूरती में चार चांद लगाने को तैयार है। नमो घाट प्रधानमंत्री मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जल्द ही वो इसका उद्घाटन करने वाराणसी आ सकते हैं।
सब घाटों से कैसे अलग है ‘नमो घाट’?
नमो घाट सभी घाटों में एकमात्र ऐसा घाट है, जो सड़क, जल और वायु मार्ग से जुड़ा है। घाट पर एक से ज्यादा हेलिकॉप्टर सीधा लैंड कर सकते हैं। घाट पर उतरने के बाद पर्यटक सीधा जलमार्ग से बिना ट्रैफिक में फंसे बाबा विश्वनाथ धाम में दर्शन करने जा सकते हैं। इस घाट से दिव्यांगजन सीधा मां गंगा के पास तक पहुंच सकते हैं और आचमन कर सकते हैं। इस घाट पर गेल इंडिया की तरफ से एक फ्लोटिंग CNG स्टेशन भी लगाया गया है। यहां से क्रूज के जरिए वाराणसी और आसपास के शहरों में भी लोग जा सकेंगे। नमो घाट तक गाड़ियां जा सकती हैं। घाट पर ही वाहन के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
बाढ़ भी ‘नमो घाट’ का कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा
प्रणाम करता हुआ तीन साइज का ये स्कल्पचर जिसमें बड़े स्कल्पचर की ऊंचाई करीब 25 फीट और छोटे की 15 फीट है। करीब 21 हज़ार वर्ग मीटर में बने इस घाट की लागत 34 करोड़ है। इसका पहला फेज बनकर पूरी तरह से तैयार है। इसके निर्माण में मेक इन इंडिया और वोकल फॉर लोकल का भी समावेश दिखेगा। यहां पर्यटक सुबह-ए-बनारस की आरती, वाटर एडवेंचर, योगा और संध्या की गंगा आरती भी देख सकेंगे। बाढ़ भी इस घाट का कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा, क्योंकि इस घाट के निर्माण में जिस सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, वह सामग्री घाट को बाढ़ से सुरक्षित रखेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में दो बड़े प्रोजेक्ट वाराणसी में शुरू किए थे। पहली योजना थी काशी विश्वानाथ धाम के पुनर्निमाण की। साथ ही एक ऐसे घाट के निर्माण की नीव रखी गई जो देश विदेश से पर्यटकों को शहर के जाम में फंसने से बचा सके। इसी घाट के सपने के रूप में सकार होने जा रहा है खिड़कियां नमो घाट।