September 22, 2024

‘वैश्विक शांति के लिए ठोस कदम उठाना समय की मांग’, पढ़ें जी20 में प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर यूक्रेन में शांति स्थापित करने की मांग की है। मंगलवार को इंडोनेशिया के बाली में शुरू हुए दो दिवसीय शिखर सम्मेलन पीएम मोदी ने एक फिर यूक्रेन में युद्धविराम की वकालत करते हुए कहा कि मैंने बार-बार कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्धविराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का रास्ता खोजना होगा। पिछली सदी में द्वितीय विश्व युद्ध ने दुनिया में कहर बरपाया। उसके बाद यूक्रेन के नेताओं ने उस समय शांति का मार्ग अपनाने का गंभीर प्रयास किया था। अब हमारी बारी है।

बता दें कि मंगलवार सुबह इंडोनेशिया के बाली में जारी शिखर सम्मेलन में 20 देशों और यूरोपीय संघ (ईयू) के प्रमुख शामिल होंगे। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने खाद्य सुरक्षा पर कहा कि हर देश के गरीब नागरिकों के लिए चुनौती अधिक गंभीर है। उनके लिए हर दिन जीवन पहले से ही एक संघर्ष था।

शांति सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक संकल्प की जरूरत: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “कोविड के बाद के लिए एक नई विश्व व्यवस्था बनाने का दायित्व हमारे कंधों पर है। शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और सामूहिक संकल्प दिखाना समय की आवश्यकता है। मुझे विश्वास है कि जब जी20 बुद्ध और गांधी की पवित्र भूमि में मिलते हैं, हम दुनिया को शांति का एक मजबूत संदेश देने के लिए सहमत होंगे।”

खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर जी20 सत्र के दौरान पीएम मोदी ने कहा, “बाजरा वैश्विक कुपोषण और भूख का समाधान भी हो सकता है। हमें अगले साल बड़े उत्साह के साथ बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष मनाना चाहिए।”

आज दुनिया को जी-20 से बहुत उम्मीदें हैं: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि दुनिया को अब जी-20 से काफी उम्मीदें हैं। पीएम मोदी ने कहा, “हमारे समूह की प्रासंगिकता और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।” पीएम मोदी ने कहा कि भारत 2030 तक अक्षय स्रोतों के माध्यम से 50% बिजली पैदा करेगा। उन्होंने कहा, “समावेशी ऊर्जा परिवर्तन के लिए समयबद्ध और किफायती वित्त और विकासशील देशों को प्रौद्योगिकी की सतत आपूर्ति आवश्यक है।”

वैश्विक विकास के लिए भारत की ऊर्जा सुरक्षा महत्वपूर्ण: पीएम मोदी

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वैश्विक विकास के लिए भारत की ऊर्जा सुरक्षा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि हमें ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी प्रतिबंध को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और ऊर्जा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित की जानी चाहिए। भारत स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज की खाद की कमी कल का खाद्य संकट है, जिसका समाधान दुनिया के पास नहीं होगा। हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर और सुनिश्चित बनाए रखने के लिए आपसी समझौता करना चाहिए।”

युद्ध समाप्त करने का समय: यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की

इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने जी20 नेताओं से कहा कि रूस के ‘विनाशकारी युद्ध’ को समाप्त करने का अब समय आ गया है।

जी20 बैठक में पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें-

  1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 वैश्विक महामारी और यूक्रेन संकट का जिक्र करते हुए वैश्विक स्तर पर चुनौतीपूर्ण वातावरण के बीच संयुक्त राष्ट्र की भूमिका के बारे में कहा कि उसके जैसी बहुपक्षीय संस्थाएं वैश्विक चुनौतियों से निपटने में असफल रही हैं.
  2. पीएम मोदी ने कहा, ‘हमें यह स्वीकार करने में संकोच नहीं करना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संस्थान वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में असफल रहे हैं.’ पीएम मोदी ने कहा, ‘मैंने बार-बार कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्ध-विराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का तरीका तलाशना होगा.’
  3. पीएम मोदी ने कहा, विश्व में शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और सामूहिक कदम उठाना समय की मांग है. प्रधानमंत्री ने कहा, वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है, पूरी दुनिया में आवश्यक वस्तुओं का संकट है. कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद एक नयी विश्व व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी हमारे कंधों पर है.’
  4. पीएम मोदी ने कहा कि हर देश के गरीब नागरिकों के लिए चुनौतियां अधिक हैं. उनके लिए रोजमर्रा की जिंदगी पहले से ही एक संघर्ष थी. पीएम मोदी ने कहा, मुझे विश्वास है कि जब अगले साल बुद्ध और गांधी की धरती पर जी-20 की बैठक होगी, तो हम सभी एकसाथ विश्व को शांति का कड़ा संदेश देंगे.
  5. पीएम मोदी ने कहा कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा विश्व के विकास के लिए महत्वपूर्ण है. भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. भारत हमेशा स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण के लिए प्रतिबद्ध है. 2030 तक हम अपनी जरूरत की 50 फीसदी बिजली स्वच्छ ऊर्जा से बनाएंगे.

 


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