नवाज की उम्मीदों पर फिरा पानी,चाह कर भी चुनाव में नहीं हो पाएंगे शामिल
पाकिस्तान की एक अदालत ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनकी बेटी और दामाद की अपील पर सुनवाई जुलाई के अंतिम हफ्ते तक के लिए टाल दी है। उन्होंने भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिए जाने के खिलाफ अपील की है।
इसके साथ ही चुनाव से पहले जेल से बाहर आने और अपनी पार्टी के अभियान में जान फूंकने की उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने हैं और 68 वर्षीय शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) चुनाव के मद्देनजर उनकी जल्द रिहाई की उम्मीद लगाकर बैठी थी।
शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद कैप्टन (सेवानिवृत्त) मोहम्मद सफदर ने सोमवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एवनफिल्ड भ्रष्टाचार मामले में फैसले को चुनौती देते हुए अपील दायर की थी। न्यायमूर्ति मोहसीन अख्तर कयानी और न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब की दो सदस्यीय पीठ ने उनकी अपीलों पर सुनवाई की थी और राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो को नोटिस जारी किए थे। साथ ही मामले के रिकॉर्ड पेश करने का भी आदेश दिया था।
पीठ ने मामले पर सुनवाई जुलाई के अंतिम हफ्ते तक के लिए टाल दी। इसका मतलब है कि सुनवाई 25 जुलाई के बाद होगी। अदालत ने अपीलों पर फैसला होने तक मामले में दोषसिद्धि को निलंबित करने से भी इनकार कर दिया। इससे पहले, शरीफ के करीबी पीएमएल-एन. के. नेता परवेज राशिद ने अदालत से कहा था कि वह इन अपीलों पर बिना समय गंवाए फैसला लें।
पीएमएल-एन के लिए चुनाव प्रचार करेगा शरीफ का नाती
जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का नाती देश में 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव में पीएमएल-एन के लिए चुनाव प्रचार करेगा।
नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज का बेटा जुनैद सफदर पाकिस्तान की सक्रिय राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने वाला शरीफ खानदान की तीसरी पीढ़ी का पहला व्यक्ति बन गया है। ब्रिटेन के विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र की पढ़ाई कर रहे जुनैद सोमवार को ही लाहौर आए हैं।
उम्मीद है कि जुनैद अपने नाना शरीफ, मां मरियम और पिता सफदर से मिलने रावलपिंडी के आदियाला जेल जाएंगे।
सजा सुनाने वाले न्यायाधीश मामलों से अलग हुए
नवाज शरीफ को सजा सुनाने वाले पाकिस्तान की भ्रष्टाचार निरोधक अदालत के न्यायाधीश ने पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ दो अन्य भ्रष्टाचार के मामलों में सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है।
अदालत के सूत्रों के अनुसार इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत के न्यायमूर्ति मोहम्मद बशीर ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित पत्र में कहा है कि अल अजीजिया स्टील मिल्स और फ्लैगशिप भ्रष्टाचार मामलों को किसी अन्य न्यायधीश को स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने अदालत के निर्णय को चुनौती देने वाली अपील शरीफ (68), उनकी बेटी मरियम (44) और दामाद कैप्टन (सेवानिवृत) मोहम्मद सफदर द्वारा अलग-अलग दायर की गई याचिका पर यह कदम उठाया। इससे पहले शरीफ के वकील ख्वाजा हारिस ने भ्रष्टाचार के दो अन्य मामलों की सुनवाई न्यायमूर्ति बशीर द्वारा किए जाने पर आपत्ति जताई थी।