निर्भया मामले में दोषियों के सभी विकल्प खत्म, नए डेथ वारंट पर सुनवाई आज
निर्भया मामले में दोषियों के सभी कानूनी विकल्प अब समाप्त हो चुके हैं। राष्ट्रपति से पवन की दया याचिका खारिज होने के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन फांसी की नई तारीख के लिए पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचा। कोर्ट गुरुवार दोपहर दो बजे मामले की सुनवाई करेगा। तिहाड़ जेल प्रशासन ने अदालत को बताया कि निर्भया के सभी दोषियों के कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं। अब किसी दोषी की कोई की याचिका कहीं भी लंबित नहीं है। ऐसे में कोर्ट को नया डेथ वारंट जारी करना चहिए।
दिल्ली सरकार ने बुधवार को तीस हजारी कोर्ट का रुख किया। जज धर्मेंद्र राणा की अदालत को दिल्ली सरकार ने बताया कि राष्ट्रपति की ओर से पवन की दया याचिका खारिज होने के बाद दोषियों के सभी विकल्प खत्म हो चुके हैं। इस पर जज राणा ने दोषियों को गुरुवार को अपना जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है। जज राणा ने कहा, प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार और निजी स्वतंत्रता) के तहत है। ऐसे में दूसरे पक्ष को अनसुना नहीं किया जा सकता।
दोषियों की मानसिक हालत की जांच वाली याचिका खारिज
दिल्ली हाईकोर्ट में दोषियों की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की जांच करने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को निर्देश देने को लेकर याचिका दी गई थी। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और जस्टिस सी हरिशंकर की पीठ ने इस पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा, याचिका में इस दलील में कोई दम नहीं है। इसे सबसे पहले आयोग में लेकर जाना चाहिए। ए राजराजन की ओर से शनिवार को यह याचिका दी गई थी।
निर्भया के पिता बोले, उम्मीद है कि दरिंदों को इसी माह होगी फांसी
पवन की दया याचिका खारिज होने के बाद निर्भया के पिता ने कहा, अब सभी के विकल्प समाप्त हो चुके हैं। देखते है कि अगला कदम क्या होगा? मगर मुझे भरोसा है कि इंसाफ मिलकर रहेगा। हमें उम्मीद है कि दोषियों को इसी माह फांसी पर लटकाया जाएगा और अरसे के इंतजार के बाद इंसाफ जरूर मिलेगा।
क्या है मामला?
गौरतलब है कि फांसी की सजा का सामना कर रहे दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ठुकरा दी है। निचली अदालत ने 17 फरवरी को चारों दोषियों 32 वर्षीय मुकेश कुमार सिंह, 25 वर्षीय पवन, 26 वर्षीय विनय शर्मा और 31 वर्षीय अक्षय कुमार सिंह को फांसी देने के लिए तीन मार्च सुबह छह बजे तय की थी। राष्ट्रपति पहले ही मुकेश, विनय और अक्षय की दया याचिका खारिज कर चुके हैं। निर्भया के साथ 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में सामूहिक बलात्कार और उसपर बर्बरता से हमला किया गया था। निर्भया की 29 दिसंबर को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गयी थी, जहाँ उसे बेहतर चिकित्सा के लिए ले जाया गया था।