नोटबंदी और जीएसटी के बाद कैश संकट बढ़ा – राजीव कुमार,वाइस चेयरमैन नीति आयोग
नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार के मुताबिक नोटबंदी और जीएसटी के बाद कैश संकट बढ़ा है. राजीव कुमार ने सरकार से निजी कंपनियों का भरोसा बढ़ने की सलाह दी है. राजीव कुमार के मुताबिक किसी ने भी पिछले 70 साल में ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया जब पूरी वित्तीय प्रणाली जोखिम में हो.
उन्होंने ने आगे कहा कि आज भरोसे की कमी हो गयी है कोई किसी पर भी भरोसा नहीं कर रहा है. कोई भी सस्थान प्राइवेट सेक्टर को कर्ज देने को तैयार नहीं है, हर कोई नगदी दबाकर बैठा है. इसके साथ ही उन्होंने ने सरकार को लीक से हटकर कुछ कदम उठाने की सलाह दी. उन्होंने ने नोटबंदी, जीएसटी और आईबीसी (दीवालिया कानून) के बाद हालात बदल गए हैं. पहले लगभग 35 फीसदी कैश उपलब्ध होता था, वो अब काफी कम हो गया है.जिस से स्थिति काफी जटिल हो गई है.
राजीव कुमार का यह बयान ऐसे वक़्त पर आया है जब हाल ही में मुख्य आर्थिक सलाहकार के. सुब्रमण्यम ने प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को अपने माइंडसेट बदलने की नसीहत दी थी.सुब्रमण्यम ने अपने बयान में कहा था कि एक बालिग व्यक्ति लगातार अपने पिता से मदद नहीं मांग सकता. आपको इस सोच को बदलना होगा. आप यह सोच नहीं रख सकते कि मुनाफा तो खुद लपक लूं और घाटा हो तो सब पर उसका बोझ डाल दूं.
राजीव कुमार ने कहा कि यह 2009-14 के दौरान बिना सोचे-समझे दिये गये कर्ज का नतीजा है. इससे 2014 के बाद नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) बढ़ी है. इस वजह से बैंकों की नया कर्ज देने की क्षमता कम हुई है.