जम्मू में स्थापित होगा उत्तर भारत का पहला स्पेस टेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर
उत्तर भारत का पहला स्पेस टेक्नोलाजी रिसर्च सेंटर जम्मू में खुलेगा। इसमें रिसर्च के साथ ही पीजी डिग्री कोर्स भी कराया जाएगा। सेंटर सेंट्रल यूनिवर्सिटी आफ जम्मू में कार्य करेगा। इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (इसरो) की ओर से साल भर चलने वाले डॉ. विक्रम साराभाई शताब्दी कार्यक्रमों के बारे में अवगत कराते हुए पीएमओ में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस रिसर्च सेंटर के संबंध में जानकारी दी।
इसरो के पहले चेयरमैन और संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई की रविवार को 99वीं जयंती थी। इस अवसर पर दिल्ली में डॉ. जितेंद्र सिंह ने डॉ. विक्रम साराभाई के योगदान को भी याद किया। कहा कि मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल के दौरान स्पेस से जुड़े शैक्षिक और रिसर्च कार्यक्रमों में बढ़ोतरी की गई है। इसका लाभ उन दूरस्थ इलाकों को भी मिला है, जहां पहले स्पेस टेक्नोलाजी की पढ़ाई के सीमित अवसर थे।
डॉ. जितेंद्र सिंह के मुताबिक जम्मू के अलावा उत्तर पूर्व के त्रिपुरा में भी स्पेस टेक्नोलाजी रिसर्च सेंटर खोला जाएगा। वहां यह नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (एनआईटी) अगरतला के तहत काम करेगा। उन्होंने कहा कि पहले स्पेस रिसर्च और इससे जुड़ी पढ़ाई में केवल दक्षिण भारत के राज्यों का ही दबदबा था, लेकिन पिछले चार साल से यह देश के अन्य हिस्सों में भी स्थिति बदली है।
डॉ. जितेंद्र ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से इसरो के पूर्व चेयरमैन और मशहूर वैज्ञानिक डॉ. के राधाकृष्णन से सेंट्रल यूनिवर्सिटी जम्मू में खुलने जा रहे स्पेस टेक्नोलाजी विभाग में औपचारिक रूप से सलाहकार बनने के लिए अनुरोध किया था। डॉ. राधाकृष्णन के निर्देशन में ही मार्स मिशन लांच किया गया।
जाब के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी जम्मू न केवल जम्मू-कश्मीर के लिए मजबूत तकनीकी प्लेटफार्म मुहैया कराएगी, बल्कि पड़ोसी राज्यों को भी इसका लाभ मिलेगा। इससे इस क्षेत्र में जाब के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।