September 21, 2024

अब ऑनलाइन डिग्री भी परंपरागत डिग्री के बराबर होगीः यूजीसी

नई दिल्ली। देश में लाखों की तादाद में ऑनलाइन डिग्री और डिस्टेंस लर्निंग डिग्री के लिए एडमिशन लेने वालों के इच्छुक लोगों के लिए खुशखबरी है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का कहना है कि अब मान्यता प्राप्त संस्थानों से हासिल की गई डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की डिग्री को भी परंपरागत डिग्रियों के समकक्ष ही माना जाएगा।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सचिव रजनीश जैन ने शुक्रवार को बताया कि परंपरागत तरीके से विश्वविद्यालयों और कालेजों से मिलने वाली स्नातक और परास्नातक डिग्रियों की ही तरह वर्ष 2014 में यूजीसी अधिसूचना के तहत ओपन और डिस्टेंस लर्निंग से जुड़े विश्वविद्यालयों की स्नातक और परास्नातक डिग्रियों को भी मान्यता मिलेगी।

इसके अलावा उच्च शिक्षण संस्थानों के ऑनलाइन पाठ्यक्रमों को भी उतना ही महत्व मिलेगा। उन्हें भी परंपरागत तरीके से परास्नताक डिप्लोमा कोर्सो और पत्राचार यानी करसपांडेंस कोर्सो जितनी ही महत्ता मिलेगी। ऑनलाइन या डिस्टेंस लर्निंग कोसों में कुल भारतीय छात्रों के 25 प्रतिशत छात्र पंजीकृत होते है। इनमें से कुछ लोग ऐसे होते हैं जो नौकरी करते हुए पढ़ाई कर रहे होते हैं। रजनीश जैन ने बताया कि यह फैसला यूजीसी और ऑनलाइन कार्यक्रम के नियमन के नियम 22 के तहत लिया गया है।


WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com