भाजपा के लिए सिरदर्द बना, नए नेताओं के पुराने बयान
देहरादून। पूरे देश के साथ उत्तराखण्ड भी चुनावी रंग में गया है। लोकसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस के अलावा यहां सभी दलों ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। नामांकन कर दौर शुरू हो चला है। लोकसभा के उम्मीदवार जनसम्पर्क में जुट गये हैं। सत्ताधारी दल के नेता सरकार की उपलब्धियों को गिना रहे हैं। तो दूसरी तरफ विपक्ष सरकार की नीतियों को जनविरोधी बता रहे हैं।
यहां सत्ताधारी दल की बात करें भाजपा के रणनीतिकार विपक्ष और बागी नेताओं को अपने पाले में मिलाने में कामयाब रहे। बड़ी तादाद में विपक्षी और बागी नेताओं ने हाल-फिलहाल में भाजपा ज्वाइन की। भाजपा में शामिल इन सभी नेताओं का कहना है वे प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा में आये हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट का दावा है कि अभी तक तकरीबन 11 हजार नेताओं और कार्यकर्ताओं ने नरेन्द्र मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा ज्वाइन की। भाजपा इसको अपनी बड़ी उपलब्धि बताकर कर प्रचारित भी कर रही है।
सरदर्द बने नेताओं के पुराने बयान
लेकिन नए नेताओं के पुराने बयानों ने अब इस चुनावी बेला पर भाजपा को असहज की स्थिति में ला दिया है। भाजपा में शामिल नये नवेले नेता अब भले ही मोदी सरकार की उपलब्धियों गिना रही हो। लेकिन इन नेताओं के पुराने बयान सोशल मीडिया में तैर रहे हैं। जिसमें वे मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किये हुए हैं।