September 22, 2024

WHO ने भी माना ओमिक्रॉन का संक्रमण डेल्‍टा के खिलाफ इम्‍यूनिटी बनाएगा, लेकिन एक ‘शर्त’ पर , पढ़ें पूरी रिपोर्ट

दक्षिण अफ्रीका में मिले ओमिक्रॉन वेरिएंट पर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इस पर हुई पिछली रिसर्च का समर्थन किया है. WHO की चीफ साइंटिस्‍ट सौम्‍या स्‍वामीनाथन ने अपने ट्वीट में कहा है कि वैक्‍सीनेशन  के बाद ओमिक्रॉन का संक्रमण होता है डेल्‍टा के खिलाफ इम्‍यूनिटी को बढ़ा सकता है. अगर किसी ने वैक्‍सीन नहीं लगवाई है तो यह किसी भी वेरिएंट के लड़ने के लिए इम्‍यून‍िटी नहीं विकसित करेगा. सौम्‍या स्‍वामीनाथन का यह ट्वीट उन कई अफवाहों पर विराम लगाता है जो सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं.

स्‍वामीनाथन ने अपनी ट्वीट में लिखा है कि संक्रमण वैक्‍सीन का विकल्‍प नहीं बन सकता. ट्वीट से एक बात तो साफ है कि वैक्‍सीन लगवाते हैं सुरक्षा का दायरा बढ़ता है. दक्षिण अफ्रीका में हाल में ही ओमिक्रॉन पर रिसर्च की गई है. इसमें कई बातें सामने आई थीं. WHO ने भी उन नतीजों का समर्थन किया है.

दक्षिण अफ्रीका में कब और कैसे हुई थी रिसर्च, क्‍या परिणाम सामने आए थे और इसके मायने क्‍या हैं, जानिए इन सवालों के जवाब…

5 पॉइंट में समझें दक्ष‍िण अफ्रीका में ओमिक्रॉन पर हुई रिसर्च 

1- अफ्रीका के हेल्‍थ रिसर्च इंस्‍टीट्यूट ने ओमिक्रॉन पर हाल में रिसर्च की. रिसर्च टीम ने 13 लोगों को शामिल किया. इन 13 में से 11 ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित थे.

2- इनमें से 7 मरीज ऐसे थे जिन्‍हें वैक्‍सीन लग चुकी थी. ओमिक्रॉन से संक्रमित इन लोगों में डेल्टा के खिलाफ चार गुना से ज्यादा इम्यूनिटी मिली है.

3- दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने पाया है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित लोगों में डेल्टा की तुलना में गंभीर बीमारी विकसित होने की संभावना 70% तक कम होती है.

4- रिसर्च में यह सामने आया कि ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों में जो इम्‍यूनिटी बन रही है वो डेल्‍टा के असर को कम कर रही है. इसलिए इनमें डेल्‍टा के संक्रमण का खतरा कम रहेगा.

5- शोधकर्ताओं का कहना था, अगर लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित होंगे तो ज्‍यादा खतरा नहीं होगा. हालांकि, अलर्ट रहने की जरूरत है.

…तो मरीजों की संख्‍या में आएगी कमी

अगर डेल्टा जैसे खतरनाक वेरिएंट को ओमिक्रॉन ने रिप्लेस किया तो  गंभीर मरीजों की संख्या में भारी कमी आ सकती है. यह रिसर्च अमेरिका जैसे देशों के लिए अहम है क्‍योंकि वहां अभी भी काफी मरीजों में डेल्टा मिल रहा है. अगर ओमिक्रॉन डेल्टा को वहां रिप्लेस कर देता है तो अमेरिका में अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में कमी आ सकती है.

शोधकर्ताओं का कहना है, दुनियाभर में ओमिक्रॉन के संक्रमण की रफ्तार भले ही तेज है लेकिन इसके मरीजों में हालत गंभीर होने का खतरा कम है. उनके हॉस्पिटल में भर्ती होने की आशंका भी कम है क्‍योंकि ओमिक्रॉन कोरोना के पिछले वेरिएंट के मुकाबले माइल्‍ड है.


WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com