किसान आंदोलन के एक साल, देश भर में कई कार्यक्रमों की योजना
दिल्ली के बॉर्डरों पर शुक्रवार को एक साल पूरे होने पर केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा और पंजाब के किसानों ने सिंघू और टिकरी पर पहुंचना शुरू कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा आज दिल्ली-एनसीआर बॉर्डर पर सभाएं करने जा रहा है, जिसको देखते हुए दिल्ली पुलिस ने रोड ब्लाक कर दी है।
‘केंद्रीय मंत्रिमंडल की विधेयक को मंजूरी महज औपचारिकता’
किसान नेताओं ने कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी को महज “औपचारिकता” करार दिया और कहा कि अब वे चाहते हैं कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी सहित उनकी अन्य लंबित मांगों को हल करे।
हालांकि, इस कदम का स्वागत करते हुए उन्होंने इसे प्रदर्शनकारी किसानों की पहली जीत बताया।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर, कृषि आंदोलन के एक साल पूरे होने के अवसर पर, दिल्ली मोर्चा और दूर-दराज के राज्यों की राजधानियों और जिला मुख्यालयों पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के साथ, किसान और कार्यकर्ता भारी संख्या में प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी की गई
एसकेएम की बैठक 27 नवंबर को सिंघू बार्डर पर होगी। बयान में कहा गया है कि बैठक में किसान संघ आगे की कार्रवाई के संबंध में फैसला लेंगे।
इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न सीमा बिंदुओं पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अगर प्रदर्शनकारी सीमा पार करने या उपद्रव करने की कोशिश करते हैं, तो उनसे सख्ती से निपटा जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के कुछ दिनों बाद स्वीकृत कृषि कानून निरस्त विधेयक, 2021, अब 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में पारित होने के लिए लोकसभा में पेश किया जाएगा।