ओपी चौटाला की रस्म पगड़ी: ’21 साल बाद मेरा कान खींचने वाला चला गया’, शोक सभा में बोले अभय चौटाला

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सिरसा के चौटाला गांव में हुई ओपी चौटाला की रस्म पगड़ी और श्रद्धांजलि सभा, अभय चौटाला ने पिता की विरासत और वचन निभाने का किया वादा।

सिरसा (डेस्क): हरियाणा के चौटाला गांव में ओपी चौटाला की रस्म पगड़ी और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ, जहां परिवार, पार्टी कार्यकर्ताओं और देश-विदेश से आए लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर इंडियन नेशनल लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव अभय सिंह चौटाला ने पिता के निधन पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं और उनका शोक संदेश पढ़ा।

अभय चौटाला ने भावुक होकर कहा, “दुनिया का सबसे बड़ा दुख तब होता है, जब सिर से पिता का साया उठ जाता है। वह ताकतवर हाथ जिसने मुझे उंगली पकड़कर चलना सिखाया, आज चला गया। 21 साल बाद मेरा कान खींचने वाला नहीं रहा।” उन्होंने ओपी चौटाला की पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता और आम आदमी के हितों के लिए उनकी चिंता को याद करते हुए कहा, “अपने आखिरी समय तक वो कार्यकर्ताओं और लोगों की भलाई के लिए प्रयासरत रहे।”

कार्यकर्ताओं की प्रेरणा थे ओपी चौटाला:
अभय चौटाला ने अपने पिता के योगदान को याद करते हुए कहा, “पिता ने अपने उसूलों से कभी समझौता नहीं किया। उन्होंने हजारों कार्यकर्ताओं के परिवारों को नौकरी देने का काम किया। 10 साल कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान के लिए जेल काटी और जब भी जेल से छुट्टी पर आते, कार्यकर्ताओं का हौंसला बढ़ाते।”

वचन निभाने का किया वादा:
अभय चौटाला ने कहा, “मैंने एक बेटे, भाई और पिता का फर्ज निभाया। मैं वादा करता हूं कि जो वचन मैंने अपने पिता को दिया था, उसे ताउम्र निभाऊंगा।” उन्होंने कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया कि ओपी चौटाला के अधूरे सपनों को साकार किया जाएगा।

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