संसद: तेजी से विधायी कामकाज निपटाने में जुटी सरकार, महज दस दिनों में 30 विधेयकों को पहनाना है कानूनी जामा
July 29, 2023संसद में खींचतान के बीच सरकार विधायी कार्य निपटाने के प्रति सक्रिय है। बीते दो दिन में लोकसभा में चार व राज्यसभा में एक विधेयक पारित कराए गए हैं। सरकार का मानना है कि चुनावी मजबूरी में विपक्ष कार्यवाही बाधित कर रहा है। ऐसे में अगर कामकाज नहीं निपटाए, तो नीतिगत बदलावों के लिए अहम करीब डेढ़ दर्जन बिल को कानून बनाने के लिए शीतकालीन सत्र तक इंतजार करना होगा।
सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि सात कार्य दिवस में महज एक सिनेमेटोग्राफी विधेयक को दोनों सदनों की मंजूरी मिली है, जबकि सरकार के एजेंडे में 31 विधेयक हैं। सरकार के पास महज दस कार्य दिवस बचे हैं। अगले हफ्ते संभवत: दो दिन अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में बीतेगा। ऐसे में लोकसभा में सरकार के पास बस आठ कार्य दिवस बचेंगे।
डाटा समेत कई अहम बदलाव लाने वाले विधेयक लंबित
दोनों पक्ष की चुनाव पर नजर
अगले साल की शुरुआत में लोकसभा चुनाव होने के कारण सरकार और विपक्ष दोनों की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं। सरकार की रणनीति अहम विधेयकों को कानूनी जामा पहना कर देश में जरूरी नीतिगत बदलाव लाने वाली सरकार की छवि बनाने की है। जबकि विपक्ष मणिपुर हिंसा के बहाने सरकार को अकर्मण्य और असंवेदनशील साबित करना चाहती है।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा…क्या कहते हैं नियम
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के सवाल पर सरकार और विपक्ष आमने सामने हैं। विपक्ष का कहना है कि नोटिस स्वीकार होने के बाद इस पर चर्चा से पहले सरकार कोई नीतिगत निर्णय नहीं ले सकती। सरकार का कहना है कि संसदीय नियम 198 सब क्लॉज 2 कहता है कि स्पीकर के पास नोटिस स्वीकार करने के बाद चर्चा की तिथि तय करने के लिए दस दिन का समय होता है। सरकार के अनुसार, नियम 198 के तहत विधायी कार्य को निलंबित रखने या प्रतिबंधित करने का निर्देश नहीं देता। वैसे भी विधायी कार्य और लोक महत्व के मामले को उठाना सदन का सांविधानिक कर्तव्य है।
दिल्ली अध्यादेश की जगह लेने वाला विधेयक अगले सप्ताह लोकसभा में पेश किया जाएगा
राज्यसभा में अगले सप्ताह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) विधेयक, 2023 को रोकने के लिए विपक्षी गठबंधन इंडिया पुरजोर कोशिश में लगा है। विपक्षी दल व्हिप जारी करने से लेकर अपने बीमार नेताओं के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था करने तक हर संभव प्रयास कर रहा है। सांसदों की सदन में 100 प्रतिशत मौजूदगी के लिए सारे जतन किए जा रहे हैं, ताकि विधेयक पर चर्चा और मतदान के दौरान सत्तापक्ष को कड़ी चुनौती दी जा सके। सूत्रों ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (90), झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन (79) बीमार चल रहे हैं। ऐसे में मनमोहन व्हीलचेयर पर सदन में आ सकते हैं। वहीं, सोरेन ने कहा कि वह पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। उन्हें मतदान से ठीक पहले सदन में लाए जाने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि जदयू सांसद बशिष्ठ नारायण सिंह (75) के भी एम्बुलेंस में संसद पहुंचने की संभावना है।