अपने मुल्क़ की बदहाली को अनदेखा कर पाकिस्तान ने कश्मीर पर फिर चलाया सरकारी प्रॉपगैंडा, बिलावल भुट्टो ने भारत के खिलाफ उगला जहर

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पाकिस्तान की आर्थिक हालत बद से बदतर होती जा रही है. महंगाई, गरीबी और भूखमरी से आम लोग हर दिन मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान की सरकार कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ बयानबाजी से बाज नहीं आती दिखती है. आतंकवाद से लेकर हर मोर्चे पर फेल होने के बावजूद पाकिस्तान की सरकार के मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत के खिलाफ फिर से जहर उगला है.

कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान एक बार फिर दुष्प्रचार करने से बाज नहीं आ रहा है. कश्मीर के नाम पर आत्मनिर्णय अधिकार दिवस का नाम देकर वो दुनिया के सामने ढोंग कर रहा है.

पाकिस्तान का दुष्प्रचार अभियान

पाकिस्तान सरकार संयुक्त राष्ट्र के जनमत संग्रह के निर्देश को ढाल बनाते हुए कश्मीर मामले में व्यापक दुष्प्रचार अभियान चला रही हैं. कश्मीर के नाम पर एक तरह से सरकारी प्रॉपगैंडा फैलाया जा रहा है. आत्मनिर्णय अधिकार दिवस के मौके पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है. बिलावल भुट्टों ने कहा है कि इंसाफ में देरी का मतलब इंसाफ से इनकार है.

बिलावल भुट्टो ने भारत के खिलाफ उगला जहर

पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्वीट किया, ”5 जनवरी 1949 को भारत और पाकिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र आयोग ने जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह कराने का संकल्प लिया. कश्मीरी तब से जनमत संग्रह का इंतजार कर रहे हैं, बेधड़क कुर्बानी दे रहे हैं. उन्हें अपने आत्मनिर्णय के अधिकार को महसूस करने का अवसर दिया जाना चाहिए. न्याय में देरी का मतलब न्याय से इंकार है.”

पाकिस्तानी का भारत विरोधी बयान

वहीं, पाकिस्तानी विदेश कार्यालय की ओर से भी कहा गया कि पाकिस्तान कश्मीरी भाइयों के साथ एकजुटता जताने के लिए आत्मनिर्णय का अधिकार दिवस मना रहा है. हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जनमत संग्रह के जरिए कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए अपने समर्थन की पुष्टि करते हैं.

भारत ने फिर लगाई पाकिस्तान को लताड़

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने कई बार इस बात को दोहराया है कि जम्मू और कश्मीर देश का एक अभिन्न हिस्सा है. बता दें कि पाकिस्तान कई मौकों पर कश्मीर का मुद्दा उठाता रहा है. पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र के दौरान भी भारत विरोधी बयान दिया था.