संसद में जारी है हंगामा,तीन तलाक पर बिल पेश करने की तैयारी में सरकार

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संसद का शीतकालीन सत्र अभी तक हंगामेदार रहा है। इस बीच लोकसभा में तीन तलाक पेश करने की तैयारी है। सरकार शुक्रवार को इसे संसद में पेश कर सकती है। अभी इसे सांसदों में बांटा गया है। आपको बता दें कि पिछले हफ्ते ही कैबिनेट ने इस बिल को मंजूरी दी है।

संसद में चल रहे गतिरोध पर केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का कहना है कि कांग्रेस पार्टी हार चुकी है, निराशा में है। इसलिए संसद में गतिरोध पैदा कर रहे हैं इससे कोई फायदा होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि काम में रुकावट पैदा कर रहे हैं मैं एक बार फिर आग्रह करता हूं दोनों सदनों में चर्चा और काम में शामिल हो।

इससे पहले बुधवार को संसद में सरकार की ओर से कहा गया कि तीन तलाक के खिलाफ विधेयक तैयार करने में मुस्लिम संगठनों से कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया और यह मुद्दा लैंगिक न्याय, लैंगिक समानता और महिलाओं की गरिमा की मानवीय अवधारणा से जुड़ा हुआ है, जिसमें आस्था और धर्म का कोई संबंध नहीं है।

गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावी नतीजों के बाद राजनीतिक दलों में संसद में घमासान जारी है। संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर दिए गए बयान पर माफी मांगने की मांग लेकर अड़ा है। मंगलवार को इस मुद्दे पर दोनों सदनों में हंगामा हुआ। राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू ने विपक्ष को साफ तौर पर कहा कि क्योंकि राज्यसभा में कुछ नहीं हुआ है, इसलिए कोई भी माफी मांगने नहीं जा रहा है। इसके बाद राज्यसभा को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

गौरतलब है कि सरकार ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ नाम से इस विधेयक को ला रही है। ये कानून सिर्फ तीन तलाक (INSTANT TALAQ, यानि तलाक-ए-बिद्दत) पर ही लागू होगा। इस कानून के बाद कोई भी मुस्लिम पति अगर पत्नी को तीन तलाक देगा तो वो गैर-कानूनी होगा।

इसके बाद से किसी भी स्वरूप में दिया गया तीन तलाक वह चाहें मौखिक हो, लिखित और या मैसेज में, वह अवैध होगा। जो भी तीन तलाक देगा, उसको तीन साल की सजा और जुर्माना हो सकता है। यानि तीन तलाक देना गैर-जमानती और संज्ञेय ( Cognizable) अपराध होगा। इसमें मजिस्ट्रेट तय करेगा कि कितना जुर्माना होगा।

पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक पर कानून बनाने के लिए एक मंत्री समूह बनाया था, जिसमें राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद, पीपी चौधरी और जितेंद्र सिंह शामिल थे।

तीन तलाक के खिलाफ बिल में प्रावधान

-बिल के प्रारुप के मुताबिक एक वक्त में तीन तलाक (बोलकर, लिखकर या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से) गैरकानूनी होगा।

-एक बार में तीन तलाक गैरकानूनी और शून्य होगा। ऐसा करने वाले पति को तीन साल के कारावास की सजा हो सकती है. यह गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध माना जाएगा।

-ड्रॉफ्ट बिल के मुताबिक एक बार में तीन तलाक या ‘तलाक ए बिद्दत’ पर लागू होगा और यह पीड़िता को अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारा भत्ता मांगने के लिए मजिस्ट्रेट से गुहार लगाने की शक्ति देगा।

-पीड़ित महिला मजिस्ट्रेट से नाबालिग बच्चों के संरक्षण का भी अनुरोध कर सकती है। मजिस्ट्रेट इस मुद्दे पर अंतिम फैसला करेंगे।

-प्रस्तावित कानून जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होगा है।

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