September 22, 2024

अवसरवादी और गैरजिम्मेदार नेता को सबक सिखायेगी बदरीनाथ की जनताः यशपाल आर्य

गोपेश्वर। बद्रीनाथ उपचुनाव का प्रचार चरम पर है। भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र भण्डारी से धोखा खाई कांग्रेस के दिग्गज पार्टी प्रत्याशी लखपत बुटोला के समर्थन में बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र में डटे हैं। जनसम्पर्क और नुक्कड़ सभा कर पार्टी प्रत्याशी बुटोला को भारी मतों से विजयी बनाने की अपील कर रहे हैं। कांग्रेस नेताओं के निशाने पर राजेन्द्र भण्डारी हैं। 10 जुलाई को यहां पर उपचुनाव होना हैं।

पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में यहां पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य यहां पहुंचे हैं। वे नुक्कड़ सभा और जनसम्पर्क कर लखपत बुटोला की पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे हैं। उन्होंन बीते दिन पूर्व सीएम हरीश रावत के साथ पोखरी ब्लॉक के देवखाल, सलना, त्रिशुला,हापला, चांदनीखाल और पोखरी में कांग्रेस प्रत्याशी लखपत सिंह बुटोला के समर्थन में जनसंपर्क एवं नुक्कड़ सभाएं की।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि आज भी इस यक्ष प्रश्न का उत्तर बद्रीनाथ की जनता को नहीं मिला है कि, राजेंद्र सिंह भण्डारी कुछ घंटो में ही कैसे पलट गए? जनता जानना चाहती है कि, आखिर जो भण्डारी गणेश गोदियाल की सभा में प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा के प्रत्याशी और उत्तराखण्ड के मंत्रियों को पानी पी-पी कर कोस रहे थे कुछ ही घंटों क्यों बाद दिल्ली में भाजपा नेताओं का स्तुतिगान करने लगे। जो भाजपा के नेता राजेन्द्र भण्डारी पर परिवारवाद और भ्रष्टाचार के आरोप लगा कर उनके पुतले फूकते थे अब वही नेता उनका गुणगान कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जिस सरकार ने उनकी धर्मपत्नी को दो-दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया आज उसी सरकार के मंत्री सरकारी मशीनरी का दुरप्रयोग कर और अलोकतांत्रिक तरीके अपना कर राजेन्द्र भण्डारी को जिताना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि विधायक के रुप में भण्डारी का कार्यकाल बेहद निराशाजनक रहा। जिस बदरीनाथ की जनता ने उन्हें जिताया, भण्डारी कभी उनके दुखों और परेशानियों में साथ खड़े नहीं रहे। रैणी की आपदा हो, चमोली का अग्निकांड हो या जोशीमठ की आपदा भण्डारी ने इन पीड़ितो के जुड़े मुद्दों को विधानसभा में नहीं उठाया। आज भी चमोली अग्निकांड के पीड़ितों को न तो मुआवजा मिला और न ही न्याय। उस कांड में सम्मिलित कम्पनी और उसके अधिकारी आज भी उत्तराखण्ड सरकार को प्रिय हैं।

जोशीमठ आपदा के समय तो गैरसैंण में विधानसभा का सत्र आहूत होने के बाद भी भण्डारी पीड़ितों की आवाज उठाने के लिए विधानसभा सत्र में भाग लेने तक नहीं गए। जोशीमठ के लोग परेशान होकर घूम रहे थे कि, उनके विधायक की अनुपस्थिति में आखिर उनके प्रश्नों को विधानसभा में कौन उठायेगा। तब कांग्रेस विधानमण्डल दल ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करत हुए जोशीमठ आपदा से संबधित प्रश्नों को विधानसभा में उठा कर जनता के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया।

उन्होंने कहा कि घटनाक्रम और तथ्य सिद्ध करते हैं कि सरकार और भण्डारी की पहले दिन से ही सांठगाठ थी लेकिन सौदा तय नहीं हो पा रहा था। भण्डारी ने राष्ट्रपति चुनाव में वोट न डालने की भी सरकार से बड़ी कीमत ली। इसलिए जनता इस वार वोट की चोट कर भण्डारी जैसे अवसरवादी और गैर जिम्मेदार नेता को सबक सिखायेगी।

लोकसभा चुनाव में 400 पार का लक्ष्य साधकर संविधान में परिवर्तन का ख्वाब देखने वाली भाजपा के सपने भले ही चकनाचूर हो गए हों परंतु केन्द्र और उत्तराखण्ड की सरकार हर दिन गरीब, वंचितों, दलितों, अनुसूचित जनजाति के लोगों के अधिकारों में कटौती करने के सभी तरीके खोज रही है। चमोली जिले के अनुसूचित जनजाति के भाईयों को न तो पुराने भोटिया पड़ावों पर भूमिधरी अधिकार मिले हैं न सीमांत क्षेत्र में जनजाति की भाईयों की जो जमीनें सड़क निर्माण और रक्षा प्रयोजन के लिए ली गई थी उनका सालों बाद भी मुआवजा नहीं मिला है। चिंतनीय विषय यह भी है कि , सीमंात क्षेत्र के कई गांवो में अभी मोबाइल नेटवर्क भी नहीं है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने में बिल्कुल असफल रही है। पढ़े-लिखे युवा पीआरडी और होमगार्ड की नौकरी तक के लिए तरस रहे हैं। अग्निवीर योजना से हमारी परंपरागत गढवाल राइफल्स में बड़ी संख्या में कटौती की गई है जिससे न केवल पर्वतीय क्षेत्र में परंपरागत रोजगार में कमी आयी है बल्कि सैनिकों की संख्या में कमी करके देश की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है।

कहा कि इस साल सरकार के गलत निर्णयों से चार धाम यात्रा चौपट हो गई है। रजिस्टेªेशन व्यवस्था ने अच्छी खासी चल रही यात्रा पर विराम लगा दिया। चार धाम यात्रा उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार थी इसमें अव्यवस्था आने से कई जिलों और लाखों लोगों की आर्थिकी पर असर पड़ता है। इस बार यात्रा से जुड़े होटल और अन्य व्यवसाई बरबाद हो गए हैं। सरकार यात्रा चलाने में पूरी तरह से असफल रही है।

बदरीनाथ में राजनैतिक नैतिक और अनैकिता की लड़ाई में नैतिकता की जीत होगी। बदरीनाथ की जनता अयोध्या की तरह इतिहास रचते हुए कांग्रेस प्रत्याशी के प़क्ष में मतदान कर उन्हें विजयी बनायेगी।


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