देहरादून में जुटे क्षत्रिय बिरादरी के लोग, कहा- क्षत्रिय इतिहास को संरक्षित करने की जरूरत

skhtriy mahpanchyat

देहरादून। रविवार को देहरादून में क्षत्रिय महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें भारी तादाद में क्षत्रिय बिरादरी के लोगों ने हिस्सा लिया। चौधरी फार्म जीएमएसरोड में आयोजित इस महापंचायत में वक्ताओं ने कहा कि आज क्षत्रिय इतिहास के साथ-साथ छेड़छाड़ की जा रही है। जिसे सहन नहीं किया जाएगा। क्षत्रिय इतिहास को संरक्षित करने की जरूरत है। वक्ताओं ने कहा कि क्षत्रिय समाज महज वोट बैंक नहीं समझा जाना चाहिए।

कार्यक्रम के संयोजक देहरादून के एडवोकेट मनोज राणा ने प्रेस को बताया की आयोजन राजपूत समाज के इतिहास को धूमिल करने के प्रयास को रोकने के लिए किया गया था। विशेष रूप से आयोजन का लक्ष्य हालिया समय में सम्राट पृथ्वीराज चौहान, सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार, राजा सुहेलदेव अन्य बहुत से पूर्वजों के जाति को बदलकर उनके इतिहास को धूमिल किए जाने के प्रयास के विरुद्ध था। क्षत्रिय समाज प्रशासन व सरकार से भी अपना विरोध संवैधानिक तरीके से दर्ज कराएगा। अनुशासन क्षत्रियों की पहचान है और हम सब संवैधानिक तरीके से अपने पूर्वजों के सम्मान हेतु एक दृढ़ संकल्प के साथ एकजुट होकर प्रयास करेंगे व उनके सम्मान को पुनः स्थापित करेंगें।आजादी के बाद से सरकारों व बॉलीवुड के निशाने पर लगातार समाज का आचरण रहा है।

उन्होंने हमारे इतिहास पूर्वजों के योगदान को न सिर्फ कम कर दिखाया है बल्कि हमेशा हमारी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है।

कार्यक्रम में उपस्थित नागौद रियासत के कुंवर अरुणोदय सिंह ने कहा कि वह और उनके पूर्वज क्षत्रिय राजपूत हैं गुर्जर नहीं। उन्होंने सबके समक्ष यही स्पष्ट किया क्षत्रिय सबके लिए सबके साथ खड़ा होता है। अपने देश का प्रत्येक निवासी उसका अपना होता है। इसलिए किसी जाति से हमारा कोई बैर नहीं, पर जिस प्रकार कुछ भ्रमित गुर्जर युवाओं द्वारा व गुर्जर समाज के राजनेताओं द्वारा हमारे पूर्वजों की जाति को बदलने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। हम उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।, उसका हर स्तर पर प्रतिकार करेंगे। जाति हमारे परिवार व हमारे कुटुंब की पहचान, हमारे वंश परंपरा को इंगित करती है। वंश परंपरा हमारे पूर्वजों के योगदान, उनके संस्कार, उनके आचरण व समाज के प्रति उनके व्यवहार व दायित्व को स्थापित करता है। सरकार अथवा जो राजनेता इस प्रकार का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं हम उन्हें बता देना चाहते हैं कि हम उनके इस निकृष्ट प्रयास को कभी सफल नहीं होने देंगे। इन सब के पीछे स्पष्ट रूप से उनकी मंशा, भारतीय समाज व जनमानस को तोड़ना औऱ आपस में लड़ाना स्पष्ट करता है। उनकी सोच जनमानस के लिए कल्याणकारी नहीं है।

अरुणोदय सिंह ने अपने क्षत्रिय समाज का धन्यवाद किया कि जब उनके पूर्वज की मूर्ति को गुर्जर बताकर हरियाणा के कैथल में स्थापित किया गया तो क्षत्रिय समाज के भाइयों ने वहां पहुंचकर इसका पुरजोर विरोध किया।प्रतिहार राजपूत समाज व सर्व राजपूत वंश सदैव उनका आभारी रहेगा।

शताब्दियों से क्षत्रियों ने सर्व समाज को साथ लेकर ही अपने राज्य का पालन व संचालन किया है। देश के आजाद होने के समय हमने अपने राज्यों को भारतीय गणराज्य में सम्मिलित किया ताकि हम एकजुट मजबूत सुदृढ़ भारतवर्ष का निर्माण कर सकें। वर्तमान राजनेताओं की नीतियों से यह स्पष्ट है कि वह अंग्रेजों की भांति हमें बांटो और राज्य करो की नीति में विश्वास रखते हैं, उन्हें याद रखना होगा कि भारत एक गणतंत्र राष्ट्र है और यहां भारतीय जनमानस की भावनाओं की उपेक्षा करना उन्हें मिट्टी में मिला देगा। समय आ गया है कि हम सब सरकार/प्रशासन की स्वार्थ नीति से प्रेरित राजनेताओं का पुरजोर विरोध करें और अपने संस्कृति की रक्षा करें।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे श्री राम राज्य मिशन व क्षत्रिय वीर ज्योति मिशन के संयोजक राजर्षि श्री राजेंद्र सिंह नरूका ने यह स्पष्ट किया जिस प्रकार राजा सुहेलदेव बैस को केंद्र सरकार ने पासी घोषित कर उनकी जाति बदलने का कुत्सित प्रयास किया, ना सिर्फ प्रयास किया बल्कि बदले हुए नाम के साथ एक रेलगाड़ी को भी चलाया। क्षत्रिय समाज सरकार के इस प्रकार के समस्त कार्यों का विरोध करता है और इसका परिणाम सत्तासीन पक्ष को उठाना पड़ेगा।

महापंचायत में आनन्द मोहन सिंह पूर्व सांसद, भवानी प्रताप सिंह टिहरी रियासत, शेर सिंह राणा, डॉ, ए पी सिंह अधिवक्ता सुप्रीमकोर्ट, कुंवर रानी श्रीमती कृष्णा सोलंकी, सम्राट मिहिर भोज, मनोज राणा, अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट, करणी सेना से हरेंद्र बिष्ट टाइगर, राष्ट्रीय किसान यूनियन के अध्यक्ष, तमाम जिला अध्यक्ष, खाप पंचायत अध्यक्ष, किसान नेता और कहीं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।