September 22, 2024

इत्र वाली अरबों की इनकम का सच, पीयूष जैन के पीछ कौन? क्‍या SP या BJP से जुड़े हैं तार

200 करोड़ से ज्यादा कैश. 23 किलो सोना. कई किलो चांदी और 6 करोड़ की कीमत का चंदन वाला तेल. ये कोई कुबेर का खजाना नहीं है लेकिन कानपुर वाले इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां निकल रही ये दौलत, कुबेर के खजाने से कम भी नहीं है. कानपुर से लेकर कन्नौज तक पीयूष जैन के घर की दीवारें दौलत उगल रही है.

पीयूष जैन के इत्रलोक में 21 बक्से बरमाद हुए, करीब 109 ताले इनके अलावा तहखाने, 18 लॉकर और 300 चाभियों के तमाम राज खुलने अभी बाकी हैं. फर्जी फर्म, 40 कंपनियां कंपनियां, जे़वर और ज़मीन यानि बेईमानी का बहुत कुछ बताया जा रहा है. पीयूष जैन के बही-खाते में इतना ही नहीं 4-4 मशीनें तो नोट गिनने में लगाई गई, कम पड़ी तो और भी मंगाई गईं. पीयूष जैन की अकूत दौलत को गिनने और समझने का सिलसिला लगातार जारी है, ये जांच कहां तक जाएगी अभी कोई नहीं जान पा रहा है. क्योंकि, इनकम टैक्स, ED के अलावा SBI के अधिकारियों को भी बुलाया गया है. कुल मिलाकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि,पीयूष की ये सारी दौलत करीब 1000 करोड़ की है.

BJP ने पहले दिन से समाजवादी पार्टी से जोड़े जैन के तार

इस दौलत वाली इत्र (अकूत संपत्ति) पर अब सियासत भी विचित्र है. बीजेपी पहले दिन से ही जैन के कनेक्शन को समाजवादी पार्टी से जोड़ रही है. पहले दिन की रेड पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट में लिखा था कि, “समाजवाद का मतलब लूटवाद है क्या ग़रीबों को लूटने वालों को याद नहीं है प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने क्या कहा है ,न खाऊंगा ,न खाने दूंगा, जो खाया वह भी निकल कर ग़रीबों को समर्पित कर दूंगा. समाजवाद का ट्रेलर देखें प्रदेशवासी”.

BJP के ट्वीटर हैंडल से भी समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा गया. बीजेपी के तमाम नेता तो सोशल मीडिया से लेकर सियासों मंचो तक समाजवादी पार्टी पर सीधा वार करते दिखे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “आज पैसा दीवारों से निकल रहा है, कमरे नोटों से भरे पड़े हैं. अब जनता को समझ में आ रहा होगा कि बबुआ नोटबंदी का विरोध क्यों करता था!जनता ने 05 वर्ष पूर्व जिन्हें सत्ता से बाहर किया था, आज भी उनके घरों से सैकड़ों करोड़ के नोट निकल रहे हैं, यह नोट खेत में पैदा नहीं हुए हैं.”

अखिलेश यादव ने बताया BJP से संबंध

उधर BJP पीयूष जैन के संबंध समाजवादी पार्टी से बता रही है. इधर अखिलेश यादव ने जैन की जड़ों को बीजेपी से जोड़ दिया. अखिलेश यादव ने पलटवार किया है कि, झूठ के फूल की मिल गई जड़, इतना ही नहीं अखिलेश यादव ने कहा कि, “कानपुर के जिस व्यापारी के यहां छापा पड़ा है उसका संबंध सपा से नहीं, बल्कि बीजेपी से भी है. समाजवादी पार्टी की रैलियों में उमड़ रही भीड़ से बीजेपी घबरा गई है. इसलिए ऐसी भाषा का प्रयोग किया जा रहा है”

कहां से आया ‘कुबेर का खजाना’?

GST से लेकर इनकम टैक्स तक इननकम टैक्स वालों से लेकर ईडी तक सभी पीयूष जैन की इत्र में करोड़ों बनाने की कला खोज रहे हैं. ऐसे में सवाल ये भी है कि, आखिर इत्र वाली अरबों की इनकम का सच क्या है. सवाल ये भी है कि, क्या बिना नेता और नौकरशाहों की नियत के इकट्ठा हो सकती है. बिना सियासी संरक्षण के ये सब संभव है?


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