दिल्ली से देहरादून तक राजमार्ग को फोरलेन करने की योजना अधर में ,अभी तक हुआ सिर्फ 55 फीसदी कार्य,अक्तूबर- 2013 तक करना था पूरा
मोतीचूर से देहरादून तक लोगों को सुगम आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में केंद्र व राज्य सरकार गंभीर नजर नहीं आ रही है। सात साल में संबंधित एजेंसी हाईवे का महज 55 प्रतिशत कार्य ही कर पाई है। निर्माण में देरी पर अब एजेंसी का ठेका निरस्त कर दिया गया है। विभागीय अधिकारी नई कंपनी को ठेका देने में अक्तूबर तक का समय लगने की बात कह रहे हैं। लिहाजा, राजमार्ग चौड़ीकरण का कार्य 2020 से पहले पूरा हो पाना संभव नहीं दिख रहा है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने दिल्ली से देहरादून तक राजमार्ग को फोरलेन करने की योजना शुरू की थी। इसमें मोतीचूर से लेकर देहरादून तक का कार्य एरा इंफ्रा कंपनी को दिया गया था। निर्माण वर्ष 2011 के नवंबर माह में शुरू हुआ। 39 किलोमीटर के हाईवे को फोरलेन करने के लिए समयसीमा अक्तूबर- 2013 तय की गई थी, लेकिन केंद्र सरकार व नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की कमजोर मॉनिटरिंग के चलते वर्ष 2018 तक महज 55 फीसदी कार्य ही धरातल पर हो पाया है।
महत्वपूर्ण योजना में लगातार होती देरी की वजह से मई माह में निर्माण एजेंसी के ठेके को निरस्त कर दिया गया। अथॉरिटी अब नई एजेंसी को ठेका देने की तैयारी कर रही है, जिसके लिए अथॉरिटी के स्तर पर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि अक्तूबर तक ठेके की प्रक्रियाएं पूर्ण कर राजमार्ग पर काम शुरू किया जाएगा। बताया कि अवशेष 45 प्रतिशत अधूरे निर्माण को पूरा करने के लिए करीब डेढ़ साल का वक्त और लगेगा।
दुर्घटनाओं, जाम ने बढ़ाई मुश्किल
मोतीचूर से लेकर देहरादून तक राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन करने के लिए निर्माण एजेंसी ने उसे जगह-जगह उधेड़ दिया, जिसके चलते स्थानीय लोगों के साथ देश-दुनिया से देहरादून और ऋषिकेश आवागमन करने वाले लोगों को फजीहत झेलनी पड़ रही है। जर्जर हाईवे की वजह से जाम की समस्या भी लगातार बनी हुई है।
क्या-क्या होना है फोरलेन के लिए
राष्ट्रीय राजमार्ग के मोतीचूर से देहरादून तक के 39 किलोमीटर पैच को फोरलेन हाईवे को बनाने के लिए अथॉरिटी ने 45 मीटर चौड़ा करने के लिए मानक तय किया है। इसमें लच्छीवाला में वन क्षेत्र में पेड़ों का पातन कम करने के लिए मानक में हल्का परिवर्तन किया गया। पांच मेजर ब्रिज, एक रेलवे अंडर ब्रिज, एक फ्लाईओवर, दो वेइकुल अंडर ब्रिज और तीन माइनर ब्रिज का निर्माण किया जाना है।
क्या कहते हैं अधिकारी
नेशनल हाईवे का फोरलेन प्रोजेक्ट संबंधित निर्माण एजेंसी की वजह से लेट हुआ है। उक्त एजेंसी का ठेका निरस्त कर दिया गया है। नई कंपनी से करार के लिए अथॉरिटी टेंडर प्रक्रिया में जुट गई है। अक्तूबर तक नई एजेंसी से करार कर हाईवे का कार्य शुरू कराया जाएगा।
– प्रदीप सिंह गुसाईं, परियोजना निदेशक, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया।