September 22, 2024

मोदी ने सेना को दी खुली छूट,ड्रैगन को उसी की भाषा जवाब दिया जाएगा

चीन ने हिंदुस्तानी सीमा पर फिर से नापाक नजरें गढ़ा दीं हैं। पूर्वी तिब्बत में लगातार भारतीय सेना और चीनी सेना का FACE-OFF चल रहा है। चीन तेजी से इस इलाके में अपने संसाधन जुटाता जा रहा है, लेकिन अब भारत ने भी उसका माकूल जवाब देना का मन बना लिया है। पीएम मोदी के साथ हुई बैठक से पहले तीनों सेना के प्रमुखों की CDS विपिन रावत और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से साथ भी एक अहम बैठक हुई, जिसमें चीन को चित करने की रणनिती पर चर्चा हुई।

कोरोना काल में जब पूरी दुनिया एक दूसरे की तरफ मदद का हाथ बड़ा रही है, तब चीन की सेना की गंदी नजर हिंदुस्तान की सरहदी इलाकों पर गढ़ गई है। पिछले दो महीने में बार- बार चीनी सैनिक हिंदुस्तानी की सीमा में न सिर्फ दाखिल हो रहे हैं, बल्कि लगातार अपना जमावड़ा भी बढ़ा रहे हैं। चीनी सैनिकों और भारतीय फौजियों के बीच कई बार झड़प भी हुई, जिसमें दोनों तरफ के सैनिक घायल हुए। लेकिन अब हिंदुस्तान ने तय कर लिया है कि ड्रैगन को उसी की भाषा जवाब दिया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक, भारत ने पेंगोंग त्सो झील और गालवान वैली में सैनिक बढ़ा दिए हैं। इन दोनों इलाकों में चीन ने दो हजार से ढाई हजार सैनिक तैनात किए हैं, साथ ही अस्थाई सुविधाएं भी बढ़ा रहा है। चीन ने यहां मनमानी करते हुए तंबू गाढ़ दिए हैं और पिछले कुछ दिनों से उसका रवैया लगातार आक्रामक होता जा रहा है। हालात को देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाईलेवल मीटिंग की। इसमें सीडीएस जनरल रावत के साथ तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए।

सूत्रों की मानें तो हिंदुस्तान की फौज को अपनी सीमा की हिफाजत के लिए हर हद तक जाने का संदेश दे दिया गया है। जानकार बताते हैं कि भारत ने तय किया है न तो हम एक इंच पीछे हटेंगे और न ही चीन को आगे बढ़ने देंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने CDS और तीनों सेना प्रमुखों से चीन की हेकड़ी का जवाब उसी की भाषा में देने का आदेश दिया है। चीन पूर्वी लद्दाख में लगातार अपनी हरकतें बढ़ा रहा है। खासकर गलवान घाटी में उसने हाल के दिनों में अपनी ताकत बढ़ाई है और इस पूरे इलाके को अपना बता रहा है।

चीन अब लगातार भारत के खिलाफ जहर उगल रहा। वो भारत को 1962 की याद दिला रहा है और भारत पर ही विवाद पैदा करने का इल्जाम लगा रहा है। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत-चीन के बीच करीब दो महीने से तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस बीच चीन ने भारतीय इलाके में 10 किलोमीटर भीतर घुसकर 100 से ज्यादा तंबू गाड़ दिए हैं। इस महीने दोनों देशों के सैनिकों के बीच 3 बार झड़प भी हो चुकी है। दरअसल चीन को हिंदुस्तान के बार्डर इलाकों में हो रहे निर्माण को देखकर डर लग रह है।

भारत-चीन सीमा पर तनाव!

  • चीन बॉर्डर पर लगातार बंकर बना रहा है
  • बंकरों के संभावित निर्माण के लिए मशीनरी लाई गई है
  • भारतीय जवान लगातार विरोध कर रहे हैं
  • चीन और भारत ने LAC पर निर्माण न करोने का समझौता किया था
  • चीन ने अपने इलाके में संसाधन जुटा लिए
  • अब भारत के निर्माण कार्यों को देखकर चीन को परेशानी

इसी से परेशान लद्दाख और सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीनी सैनिकों ने अचानक आक्रामक रवैया अपना लिया है। बीते कुछ दिनों में चीन व भारत के सैनिकों के बीच कई बार तीखी झड़प हुई है। चीन ने अपने मुखपत्र, ग्लोबल टाइम्स में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए डिफेंस-फैसेलिटी का खासतौर से जिक्र किया है। भारतीय सेना के एक उच्च अधिकारी का कहना है कि दोनों इलाकों में हमारी क्षमताएं चीन से बेहतर हैं। सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि भारतीय पोस्ट केएम120 और गालवान वैली समेत कई अहम पॉइंट्स के आसपास चीन के सैनिक मौजूद हैं। नॉर्दन आर्मी के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डी एस हुड्डा का कहना है कि चीन की ये हरकत सामान्य बात नहीं है, जबकि गलवान जैसे इलाकों में भारत-चीन के बीच कोई विवाद भी नहीं है। मतलब डैगन के शातिर दिमाग में कुछ चल रहा है, लेकिन हिदुस्तान ने भी तैयारी पक्की कर ली है।


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