पीएम मोदी का बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ वर्चुअली संवाद, समझा रहे हैं बजट की बारीकियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ वर्चुअली संवाद कर रहे हैं। ये वर्चुअल मीट ‘आत्म निर्भर भारत’ कार्यक्रम के तहत आयोजित की जा रही है। अपने इस संवाद के जरिए प्रधानमंत्री लोगों को बजट और आत्मनिर्भर भारत पर विस्तार से चर्चा कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आगे कहा कि बीते सात वर्षों में जो निर्णय लिए गए, जो नीतियां बनीं, पहले की जिन नीतियों में सुधार हुआ, उस वजह से आज भारत की अर्थव्यवस्था का निरंतर विस्तार हो रहा है। 7-8 साल पहले भारत की अर्थव्यवस्था 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपये थी। आज ये 2 लाख 30 हजार करोड़ के आसपास की है।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल बहुत ही खूबसूरती से, बहुत ही अच्छे ढंग से बजट के कुछ पहलुओं को हमारे सामने रखा है। बजट स्पीच में पूरा बजट संभव नहीं होता है क्योंकि बजट में बहुत बड़ा दस्तावेज होता है, बारीकियां होती हैं और सदन में ये सब बोलना संभव भी नहीं होता है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि ‘इस समय 100 साल में आई सबसे बड़ी वैश्विक महामारी से देश लड़ रहा है। कोरोना का ये कालखंड दुनिया के लिए अनेक चुनौतियां लेकर आया है। दुनिया उस चौराहे पर आकर खड़ी हो गई है, जहां टर्निंग प्वाइंट निश्चित है। आगे जो दुनिया जो हम देखने वाले हैं, वो वैसी नहीं होगी, जैसी कोरोना से पहले थी।’
बजट 2022 पर प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी बातें…
– बजट के फोकस में किसान, युवा और मध्यम वर्गीय हैं
– इस बजट की हर कोई तारीफ कर रहा है, ये देश को आधुनिक बनाएगा
– इस समय 100 साल में आई सबसे बड़ी वैश्विक महामारी से देश लड़ रहा है। कोरोना कालखंड दुनिया के लिए अनेक चुनौतियां लेकर आया है। दुनिया उस चौराहे पर आकर खड़ी हो गई है, जहां टर्निंग प्वाइंट निश्चित है। आगे जो दुनिया जो हम देखने वाले हैं,वो वैसी नहीं होगी जैसी कोरोना से पहले थी।
– कल निर्मला जी ने जो बजट पेश किया है, इस बजट में देश को आधुनिकता की तरफ ले जाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम है। बीते 7 वर्षों में जो नीतियां बनी, पहले की जिन नीतियों में गलतियों को सुधारा गया उस वजह से आज भारत की अर्थव्यवस्था का निरंतर विस्तार हो रहा है।
– 7-8 साल पहले भारत की GDP 1,10,000 करोड़ रुपये थी और आज भारत की अर्थव्यवस्था लगभग 2,30,000 करोड़ रुपये है। वर्ष 2013-14 में भारत का एक्सपोर्ट 2,85,000 करोड़ रुपये होता था और आज ये लगभग 4,70,000 करोड़ रुपये पहुंचा है।