‘गृह प्रवेश’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया 1.75 लाख घरों का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मध्यप्रदेश में ‘प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण’ के तहत बने 1.75 लाख घरों का उद्घाटन किया। इस दौरान सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे। इस ‘गृह प्रवेश’ कार्यक्रम में उन लोगों ने हिस्सा लिया, जिन्हें ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ (पीएमएवाई) के तहत घर बनाने के लिए मदद दी गई है।
इन घरों को 12 हजार गांवों में तैयार किया गया है। पीएम ने 2022 तक सभी पात्र परिवारों को उनका अपना घर होने का लक्ष्य रखा है। इसमें मार्च 2022 तक दो करोड़ आवास बनकर तैयार हो जाएंगे।
कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने लाभार्थियों के साथ चर्चा की। इस दौरान, इस योजना के लाभार्थी ग्वालियर के नरेंद्र नामदेव ने पीएम मोदी से बातचीत करते हुए आर्टिकल-370 और तीन तलाक का जिक्र किया। तो पीएम मोदी ने उनसे पूछ लिया- चुनाव लड़ना चाहते हैं क्या?
वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज ने इस दौरान कहा कि आज देश की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनने का इंतजार कर रही है। 16 हजार 440 ग्राम पंचायतों और 26 हजार 548 ग्रामों में कार्यक्रम देखा जा रहा है। इस कार्यक्रम को सुनने के लिए अब तक 1 करोड़ 24 लाख 92 हजार 394 लोगों ने प्री-रजिस्ट्रेशन कराया है।
दूसरी तरफ, पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए इस योजना के लाभार्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा, अभी ऐसे साथियों से मेरी चर्चा हुई, जिनको आज अपना पक्का घर मिला है, अपने सपनों का घर मिला है। अब राज्य के 1.75 लाख ऐसे परिवार, जो आज अपने घर में प्रवेश कर रहे हैं, जिनका गृह-प्रवेश हो रहा है, उनको भी मैं बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं।
पढ़ें प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की मुख्य बातें: –
इस बार आप सभी की दीवाली, आप सभी के त्योहारों की खुशियां कुछ और ही होंगी। कोरोना काल नहीं होता तो आज आपके जीवन की इतनी बड़ी खुशी में शामिल होने के लिए, आपके घर का एक सदस्य, आपका प्रधानसेवक आपके बीच होता।
आज का ये दिन करोड़ों देशवासियों के उस विश्वास को भी मजबूत करता है कि सही नीयत से बनाई गई सरकारी योजनाएं साकार भी होती हैं और उनके लाभार्थियों तक पहुंचती भी हैं। जिन साथियों को आज अपना घर मिला है, उनके भीतर के संतोष, उनके आत्मविश्वास को मैं अनुभव कर सकता हूं।
सामान्य तौर पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर बनाने में औसतन 125 दिन का समय लगता है। कोरोना के इस काल में पीएम आवास योजना के तहत घरों को सिर्फ 45 से 60 दिन में ही बनाकर तैयार कर दिया गया है। आपदा को अवसर में बदलने का ये बहुत ही उत्तम उदाहरण है।
मुझे संतोष है कि पीएम गरीब कल्याण अभियान से मध्यप्रदेश सहित देश के अनेक राज्यों में करीब 23 हजार करोड़ रुपये के काम पूरे किए जा चुके हैं।
गरीबी दूर करने के लिए हमें गरीबों को मजबूत बनाना है और प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) का लक्ष्य उन्हें सशक्त बनाना है।
2014 में पुराने अनुभवों का अध्ययन करके पहले पुरानी योजना में सुधार किया गया और फिर प्रधानमंत्री आवास योजना के रूप में बिल्कुल नई सोच के साथ योजना लागू की गई। इसमें लाभार्थी के चयन से लेकर गृह प्रवेश तक पारदर्शिता को प्राथमिकता दी गई।
पहले गरीब सरकार के पीछे दौड़ता था, अब सरकार लोगों के पास जा रही है। अब किसी की इच्छा के अनुसार लिस्ट में नाम जोड़ा या घटाया नहीं जा सकता। चयन से लेकर निर्माण तक वैज्ञानिक और पारदर्शी तरीका अपनाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना हो या स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनने वाले शौचालय हों, इनसे गरीब को सुविधा तो मिल ही रही है, बल्कि ये रोजगार और सशक्तिकरण का भी ये बड़ा माध्यम हैं। विशेष तौर पर हमारी ग्रामीण बहनों के जीवन को बदलने में भी ये योजनाएं अहम भूमिका निभा रही हैं।
इसी 15 अगस्त को लाल किले से मैंने कहा था कि आने वाले 1 हजार दिनों में देश के करीब 6 लाख गांवों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का काम पूरा किया जाएगा। पहले देश की ढाई लाख पंचायतों तक फाइबर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था, अब इसको गांव-गांव तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया है।
जब गांव में भी जगह-जगह बेहतर और तेज इंटरनेट आएगा, जगह-जगह वाई-फाई हॉटस्पॉट बनेंगे, तो गांव के बच्चों को पढ़ाई और युवाओं को कमाई के बेहतर अवसर मिलेंगे। यानि गांव अब वाई-फाई के ही हॉटस्पॉट से नहीं जुड़ेंगे, बल्कि आधुनिक गतिविधियों के, व्यापार-कारोबार के भी हॉटस्पॉट बनेंगे।