गैरसैंण में पुलिस-ग्रामीणों के झड़प पर बोले सीएम, ‘आंदोलनजीवियों’ से बचें, घटना की होगी जांच
गैरसैंण/देहरादून: उत्तराखंड के चमोली में सड़क चौड़ीकरण को लेकर प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों के धरने में पहुंचे कुछ शरारती तत्वों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। जिसको देखते हुए पुलिस को आंदोलनकारियों को शांत करने के लिए वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों के साथ कांग्रेस और यूकेडी ने पुलिस जवानों के साथ जमकर धक्का-मुक्की की।
डेढ लेन सड़क की मांग को लेकर सोमवार को भराड़ीसैंण में कांग्रेसी और उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं के साथ कुछ लोगों द्वारा विधानसभा भवन का घेराव करने की कोशिश की गई। इस दौरान पुलिस ने दिवालीखाल में जबरन बैरियर हटाकर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने जमीन पर लाठियां भांजी। इस दौरान आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव शुरु कर दिया। जिस कारण कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए।
वहीं इस घटना पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी कि, नंदप्रयाग-घाट मार्ग के चौड़ीकरण की घोषणा की जा चुकी थी। उन्होंने ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि, पेशेवर आंदोलनजीवियों के बहकावे में ना आएँ।
आपको बता दें, सोमवार से चमोली के गैरसैंण में विधानसभा के बजट सत्र का पहला दिन था। ग्रामीणों ने पहले ही ऐलान कर रखा था कि अगर सड़क को चौड़ा करने का काम जल्द नही किया जाएगा तो वो विधानसभा का घेराव करेंगे। जिसका फायदा लेते हुए विपक्ष ने भी स्थानीय लोगों के आंदोलन में घुसकर शांतिपूर्ण चल रहे आंदोलन को बाधित करने की कोशिश की।
पुलिस को भीड़ को हटाने के लिए बल का प्रयोग करना पड़ा, जिससे प्रदर्शनकारी भड़क गए और उन्होंने पथराव करना शुरु कर दिया। इस पूरे घटना क्रम में कई पुलिस वाले और प्रदर्शनकारियों को चोटें आई। उधर डीजीपी अशोक कुमार ने घटना की निष्पक्ष जांच के आदेश देते हुए कहा, कि पथराव में कुछ पुलिस कर्मियों को चोटें आईं हैं। इस मामले में जो भी दोषी साबित होगा उसके खिलाफ कार्यवाही होगी।