September 22, 2024

2 सप्ताह में आ जाएगी बच्चों के टीकाकरण और बूस्टर डोज पर नीति: एनके अरोड़ा

कोविड-19 वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉ एनके अरोड़ा ने कहा कि पहले भारत सरकार बच्चों के टीकाकरण के लिए वैज्ञानिक शोध को आधार बनाकर देरी से शुरू करने की नीति पर थी, लेकिन अब अगले ही सप्ताह की बैठक इसी मुद्दे पर होने वाली है। डॉक्टर एनके करोड़ा की माने तो बहुत जल्द बच्चों के टीकाकरण की शुरुआत हो जाएगी।

बूस्टर डोज नहीं, बल्कि एडिशनल डोज ज्यादा अहम:
बूस्टर डोज का अर्थ है जब टीकाकरण के 8-9 महीने के बाद एक बड़ी आबादी को तीसरी वैक्सीन की डोज लगाई जाए, जबकि एडिशनल डोज का अर्थ है कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी या वरिष्ठ नागरिकों चीन की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, उन विशिष्ट वर्ग आयु के लिए ही तीसरी वैक्सीन की डोज लगाई जाए।

आवश्यकता पड़ने पर 100 दिनों में नई वैक्सीन होगी तैयार:
सेंट्रल ड्रग लैबोरेट्री में एमआरएनए और डीएनए वैक्सीन की क्वालिटी टेस्ट चल रही है। भारत दोनों तरह की वैक्सीन बनाने की काबिलियत रखता है। अगर ओमीक्रोम म्यूटेशन की वजह से अगर नई वैक्सीन बनाने की जरूरत पड़ी तो भारत 3 महीने के अंदर नई वैक्सीन बड़े पैमाने पर बनाने की क्षमता रखता है।

आरटी-पीसीआर पूरी तरह से फेल नहीं, लेकिन ऐकोरेसी हो सकती है कम:
ओमी क्रोन म्यूटेशन आरटी-पीसीआर रिपोर्ट के आधार पर ही पकड़ में आया है। यह बात अलग है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कई बार आरटी-पीसीआर से सही नतीजे नहीं आ रहे थे। हो सकता है कि इस म्यूटेशन में आरटीपीसीआर की ऐकोरेसी 30-70% रही, लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगी कि वह कामयाब नहीं है। इसी तरह भारत और विश्व की अलग-अलग वैक्सीन पर भी इस नए म्यूटेशन का असर जानने में अभी कुछ वक्त लगेगा, लिहाजा तब तक सावधान रहना होगा। खतरे वाले देशों से आए एसिंप्टोमेटिक लोगों का भी आरटी-पीसीआर टेस्ट होगा जीनोम सैंपल इन को बढ़ाया जाएगा।


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