September 22, 2024

भारत ने पाकिस्तान के नए नक्शे पर दी तीखी प्रतिक्रिया, बताया ‘राजनीतिक मूर्खता’

पाकिस्तान ने मंगलवार को अपना नया मानचित्र जारी किया और इसमें जम्मू-कश्मीर पर अपना अधिकार दिखाया है। बता दें कि पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 पांच अगस्त को ही हटाया गया था। बुधवार 5 अगस्त को इसका एक साल पूरा हो जाएगा। इसके ठीक एक दिन पहले पाकिस्तान ने फिर उकसावे वाली कार्रवाई की है और ये नक्‍शा जारी किया है। पाकिस्तान की तरफ से जारी किए गए नए राजनीतिक नक्शे को मंगलवार को भारत ने ‘राजनीतिक मूर्खता’ करार दिया और कहा कि इस तरह के ‘हास्यास्पद अभिकथनों’ की न तो कानूनी वैधता है और न ही कोई अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हमने पाकिस्तान का तथाकथित ‘राजनीतिक नक्शा’ देखा है जो प्रधानमंत्री इमरान खान ने जारी किया है। भारत के राज्य गुजरात और हमारे केंद्रशसित प्रदेश जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख के हिस्सों पर अपुष्ट दावा करना राजनीतिक मूर्खता की एक कवायद है।’

भारत ने कहा, ‘इन हास्यास्पद अभिकथनों की न तो कोई कानूनी वैधता है और न ही कोई अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता है। असल में, इस नए प्रयास से सीमा पार आतंकवाद के जरिए क्षेत्रीय विस्तार की पाकिस्तान की सनक की ही पुष्टि होती है।’

इससे पहले नक्शे को मंजूरी देते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि वो आज बहुत खुश हैं। इमरान खान ने इसे पाकिस्तान के इतिहास में सबसे ऐतिहासिक दिन करार दिया। साथ ही उनका मानना है कि नक्शा पारित करना कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने की ओर पहला कदम है। पीएम खान ने कहा था कि आज से पाकिस्तान में यही मानचित्र मान्य रहेगा और स्कूल और कॉलेज में भी यही नक्शा पढ़ाया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान ने इस नए नक्शे में जम्मू कश्मीर के अलावा जूनागढ़, लद्दाख और सर क्रीक को भी शामिल किया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने नक्शे की स्वीकृति के बाद कहा कि उनका लक्ष्य श्रीनगर है। लिहाजा उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर स्थित कश्मीर हाई वे का नाम श्रीनगर हाई वे किया था।

इस दौरान इमरान खान ने आगे कहा था, “कश्मीर विवाद का हल सिर्फ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों से ही निकल सकता है और पाकिस्तान कश्मीर के लोगों के लिए प्रयास करना जारी रखेगा।” इमरान खान ने कहा, “हमारा मानना है कि कश्मीर विवाद सिर्फ राजनीतिक माध्यम से हल किया जा सकता है सैन्य जरियों से नहीं।”


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