September 22, 2024

वंशवाद की राजनीति देश के लिए चुनौती, इसे जड़ से उखाड़ने की जरूरत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दूसरे राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के समापन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने ”वंशवाद की राजनीति” को देश के लिए चुनौती बताते हुए कहा कि इसे जड़ से उखाड़ने की जरूरत है। इस कार्यक्रम में लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल मौजूद रहें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भाई-भतीजावाद की राजनीति अपने अंतिम दिनों को देख रही है, लेकिन यह पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है। वंशवाद की राजनीति देश के लिए एक चुनौती है, जिसे जड़ से खत्म करने की जरूरत है। उन लोगों के दिन जो अपने उपनाम के आधार पर चुनाव लड़ते थे, गिने जाते हैं। लेकिन राजनीति में वंशवाद की बीमारी अभी तक पूरी तरह से नष्ट नहीं हुई है।

उन्होंने कहा, “अभी भी ऐसे लोग हैं, जो केवल राजनीति में अपने परिवार को बचाने के लिए राजनीति करना चाहते हैं। इस तरह की राजनीति ‘नेशन फर्स्ट’ को दूसरे और ‘माय फैमिली एंड माय बेनिफिट्स’ को पहली प्राथमिकता के रूप में रखती है।”

पीएम ने युवाओं से परिवार आधारित राजनीति खत्म करने का आग्रह किया

प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं से राजनीति में प्रवेश करने और “परिवार-आधारित राजनीति” समाप्त करने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि “हमारी लोकतांत्रिक प्रथाओं को बचाना” महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी ने कहा कि ईमानदारी आज की राजनीति की आवश्यक शर्त बन गई है जबकि कुछ लोग भ्रष्टाचार की विरासत से बाहर नहीं आ पा रहे हैं।

उन्‍होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा, “इससे पहले देश में एक धारणा थी कि अगर कोई युवा राजनीति में शामिल होना चाहता है, तो परिवार कहता था कि बच्चा सही रास्ते पर नहीं है, क्योंकि राजनीति का मतलब विवाद, परेशानी, लूट, भ्रष्टाचार से था। लोग कहते थे कि सब कुछ बदल सकता है, लेकिन राजनीति नहीं बदल सकती। लेकिन आज, ईमानदार लोगों को भी राजनीति में मौका मिल रहा है। ईमानदारी और प्रदर्शन आज की राजनीति की पहली आवश्यक शर्त बन गए हैं। भ्रष्टाचार उन लोगों के लिए बोझ बन गया है, जिनकी विरासत में भ्रष्टाचार था। कई प्रयासों के बाद भी वे इससे उभर नहीं पा रहे हैं।”

पीएम मोदी ने कहा, ”आप सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की बहुत शुभकामनाएं। स्वामी विवेकानंद की जन्म जयंती के ये दिन हम सभी को नई प्रेरणा देता है। आज का दिन विशेष इसलिए भी हो गया है कि इस बार युवा संसद देश की संसद के सेंट्रल हॉल में हो रही है। ये सेंट्रल हॉल हमारे संविधान के निर्माण का गवाह है।” उन्‍होंने कहा, ”स्वामी जी की प्ररेणा ने आज़ादी की लड़ाई को नई ऊर्जा दी थी। गुलामी के लंबे कालखंड ने भारत को हज़ारों वर्षों की अपनी ताकत और ताकत के एहसास से दूर कर दिया था। स्वामी विवेकानंद जी ने भारत को उसकी वो ताकत याद दिलाई और एहसास कराया।”

उन्‍होंने कहा, ”हमारा युवा खुलकर अपनी प्रतिभा और अपने सपनों के अनुसार खुद को विकसित कर सके इसके लिए आज एक वातावरण और इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है। शिक्षा व्यवस्था हो, सामाजिक व्यवस्था हो या कानूनी बारीकियां, हर चीज में इन बातों को केंद्र में रखा जा रहा है।” उन्‍होंने कहा, ”स्वामी जी ही थे, जिन्होंने उस दौर में कहा था कि निडर, बेबाक, साफ दिल वाले, साहसी और आकांक्षी युवा ही वो नींव है जिस पर राष्ट्र के भविष्य का निर्माण होता है। वो युवाओं पर, युवा शक्ति पर बहुत विश्वास करते थे, अब आपको उनके इस विश्वास की कसौटी पर खड़ा उतरना है।”


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