September 21, 2024

बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाः पौड़ी जिले में औसतन हर महीने हुई एक प्रसूता की मौत

पौड़ी। जिले में 10 महीने के भीतर एक दर्जन गर्भवती की मौत हो चुकी है। औसतन हर महीने एक गर्भवती की मौत हुई है। ये आंकड़े खुद स्वास्थ्य विभाग ने जारी किये हैं। स्वास्थ्य विभाग के ये आंकड़े अप्रैल 2021 से लेकर जनवरी 2022 तक के हैं। इन आंकड़ों का खुलासा डीएम द्वारा स्वास्थ्य विभाग की ली गई समीक्षा बैठक में हुआ।

मंडल मुख्यालय पौड़ी में गर्भवती के लिए स्वास्थ्य व्यवस्थाएं ठीक नहीं हैं। इसकी तस्दीक खुद स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, बीते साल अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 तक 12 गर्भवती बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते असमय काल के गाल में समा चुकी हैं। विभाग की माने तो मौत का कारण अधिकतर गर्भवती में हाई रिस्क एनीमिया (रक्त की कमी) होना पाया गया। जबकि 2 की गर्भवती की मृत्यु कोरोना के चलते हुई है। इसके अलावा कई बार एंबुलेंस न मिलने या देरी से मरीज को अस्पताल पहुंचाने के कारण भी मौतों का आंकड़ा बढ़ा है।

डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने मातृ मृत्यु दर की समीक्षा बैठक की तो ये चौंका देने वाले आंकड़े सामने आए। डीएम ने समय-समय पर गर्भवती का चैकअप करने तथा हीमोग्लोबिन कम होने पर उन्हें जानकारी देने के साथ ही आवश्यक दवा भी मुहैया कराने के निर्देश दिए।

डीएम ने एएनएम, आंगनवाड़ी, आशा कार्यकत्रियों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी के जानकारी देने के निर्देश दिए। साथ ही जिले के दूरस्थ क्षेत्र पाबौ, बीरोंखाल, थलीसैंण व सतपुली आदि जगहों पर महिलाओं का निशुल्क अल्ट्रासाउंड कराने के निर्देश दिए।


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