पोस्टर वारः दून में हरीश रावत के खिलाफ लगे पोस्टरों से राजनीति गरमाई

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देहरादून। उत्तराखण्ड में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप व्यक्तिगत स्तर पर पहुंच चला है। देहरादून में पूर्व मुख्यमंत्री नेता हरीश रावत के खिलाफ लगे पोस्टरों से उत्तराखण्ड में राजनीति गरमा गई है। देर-रात देहरादून में जगह-जगह लगे। इन पोस्टरों में कांग्रेस नेता हरीश रावत को पाकिस्तान जनरल कमर चीमा बाजवा को हरीश रावत का भाई और मित्र लिखा गया है। इन पोस्टरों में शहीद नायब सुबेदार जसविंदर की हत्या का आरोप पाकिस्तानी जनरल कमर चीमा बाजवा पर लगाते हुए लिखा गया है कि हरीश रावत बाजवा से सहानुभूति रखते हैं। इन पोस्टरों में भाजयुमो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी का नाम भी अंकित है।

वहीं भाजयुमो की राष्ट्रीय उपाघ्यक्ष नेहा जोशी ने सोशल मीडिया के जरिए कांग्रेस महासचिव हरीश रावत पर निशाना साधा हैं। वे अपने फेसबुक पेज में लिखती है कि उत्तराखंड के हजारों बहादुर जवान सेना में शामिल होते हैं और राष्ट्र की सेवा करते हैं। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमलों में हमारे सैकड़ों भाई अपना बलिदान दे चुके हैं। लेकिन हरीश रावत जी आज भी पाकिस्तान से सहानुभूति रखने वाले नवजोत सिद्धू का खुलकर समर्थन करते हैं। आप पंजाब में क्या करते हैं, इस पर यहां उत्तराखंड में भी सवाल उठाए जाएंगे। क्या सिद्धू 2022 में उत्तराखंड कांग्रेस के लिए स्टार प्रचारक होंगे हरीश रावत जी? क्या आप में हिम्मत है कि उसे लेकर हमारे शहीदों के परिवारों का सामना करें ?

वहीं कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा मेहरा दशौनी ने इसकी निंदा करते हुए उन्होंने भाजपा की युवा नेत्री नेहा जोशी पर इस कदम को लेकर पलटवार किया है। गरिमा मेहरा दशौनी ने इसको घटिया स्तर और चरित्र हनन की राजनीति बताया है। उन्होंने कहा कि ये इसमें सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की महत्वाकांक्षा ही नजर आती है। उन्होंने कहा कि 2014 से देश में नेताओं पर व्यक्तिगत टिप्पणी करने का दौर चल पड़ा है। उन्होंने नेहा जोशी को नसीयत देते हुए कहा कि भाजपा में और भी लोकप्रिय नेता है जिसका नेहा जोशी अनुसरण कर लोकप्रिय बन सकती है। उन्होंने कहा ये घटिया और निचले स्तर की राजनीति है और नेहा जोशी को इस तरह की राजनीति से बचना चाहिए।

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