यूकेडी से होगी प्रमिला की विदाई!
– चंदे का हिसाब मांगा तो मिल गया नोटिस
– हक मांगा तो अब देना पड़ रहा जवाब
गुणानंद जखमोला
अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर कुछ लोग बेहद संवेदनशील और सक्रिय हैं। इनमें से एक है प्रमिला रावत। वह पिछले चार महीने से अंकिता को न्याय दिलाने का झंडा बुलंद कर रही हैं। साथ ही इस मुद्दे पर यूकेडी का नाम भी जिंदा रखे हुए है। लेकिन अब प्रमिला अपने मुंहफट होने का दंश झेलेंगी। उनको पार्टी से निकाले जाने की तैयारी है। पार्टी विरोधी गतिविधियों का नोटिस दिया गया है। इसकी कापी मेरे पास हैं।
प्रमिला रावत यूकेडी की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष रही हैं। इस विधानसभा चुनाव में जब यूकेडी की फजीहत हो गयी तो पूरी कार्यकारिणी भंग कर दी गयी थी लेकिन न काशी सिंह ऐरी ने इस्तीफा दिया और न ही दिवाकर भट्ट के मुंह बोल फूटा। इस बीच यूकेडी ने सुलोचना इस्टवाल को प्रदेश महिला विंग की जिम्मेदारी दे दी। सुलोचना पूर्व भाजपाई हैं। विवाद की जड़ सुलोचना की नियुक्ति के बाद ही शुरू हुई। प्रमिला पर आरोप हैं कि उन्होंने सुलोचना को यूकेडी कार्यालय में घुसने नहीं दिया और गेट पर ताला लगाकर चाबी नाले में फेंक दी। प्रमिला इससे इनकार करती है। हालांकि उसका कहना है कि इस मुद्दे में वह अपना जवाब अध्यक्ष को दे चुकी हैं। उन्होंने और कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
प्रमिला को 8 प्वाइंट की चार्जशीट दी गयी है। पिछले साल जब यूकेडी का चुनाव हुआ तो प्रमिला अध्यक्ष पद की दावेदार थी। उनका आवेदन नहीं लिया गया था। वह खबर मैंने ब्रेक की थी। इसके बाद प्रमिला को बीजापुर गेस्ट हाउस में मनाने के लिए बुलाया गया था। इसमें काशी सिंह ऐरी ने वादा किया था कि उन्हें पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया जाएगा। लेकिन बाद में ऐरी मुकर गये।
इसमें प्रमिला पर चंदे का हिसाब मांगने का भी आरोप है। गजब की बात है कि यूकेेडी के नौ बैंक खाते हैं। आडिट होता है लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं कराया जाता। यूकेडी के केंद्रीय कोषाध्यक्ष मोहन काला भी अब पद पर नहीं हैं। उनका कहना है कि आडिट कर दिया था लेकिन रिटर्न नहीं भरा।
इस संबंध में जब मैंने यूकेडी अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी से बात की तो उन्होंने कहा कि प्रमिला को नोटिस दिया गया है, अनुशासन समिति जवाब का मूल्यांकन कर रही है। मजे की बात है कि मामला डीडी जोशी के पास है और वह दिल्ली रहते हैं। यानी भाजपा और कांग्रेस ही नहीं यूकेडी की नब्ज भी दिल्ली से चलती है। कुल मिलाकर यूकेडी में एक कर्मठ और समर्पित कार्यकर्ता की बलि लेने की तैयारी है।