November 25, 2024

अशासकीय विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती को चयन आयोग के गठन की तैयारी, अशासकीय विद्यालय प्रबंधक एसोसिएशन ने जताया विरोध

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देहरादून। अशासकीय विद्यालय प्रबंधक एसोसिएशन ने सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयो में सरकार द्वारा शिक्षकों एवं अन्य पदों पर चयन हेतु चयन आयोग का गठन किये जाने का विरोध जताया है। एसोसिशएन ने कहा कि शिक्षक संघ और शिक्षा से जुड़े कई संगठनों ने भी सरकार के इस तरह के प्रयास का के विरोध में है।

शनिवार को प्रेस क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता मे अशासकीय विद्यालय प्रबंधक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र नेगी ने कहा कि अशासकीय विद्यालयों में नियुक्तियों पर लगाई गई रोक प्रदेश के छात्रों और अभिभावकों के साथ घोर अन्याय है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन सरकार के इस कदम का घोर विरोध करती है।

उन्होंने कहा कि अशासकीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया पूर्व की भांति यथावत रखी जाये तथा सभी प्रकार की नियुक्तियों पर लगाई गई रोक तत्काल हटाई जाये।

उन्होंने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में रोक लगाने के पीछे विभाग की दलील है कि प्रबंधकों के द्वारा नियुक्तियों में अनियमितायें की गई है। लेकिन लेकिन ये बताने में नाकाम रहा है कि किन प्रबंधकों के ये अनियमितायें की और विभाग के द्वारा उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।

उन्होंने कहा कि अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया नियमों के अधीन की जाती है। जिसमेें शिक्षा निदेशक द्वारा विषय विशेषज्ञों के अनुमोदित पैनल से मुख्य शिक्षा अधिकारी के द्वारा अशासकीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 3 विषय विशेषज्ञ नामित किये जाते हैं। वहीं प्रबंधन की ओर से प्रधानाचार्य एवं प्रबंध समिति द्वारा नामित सभापति होता है जो कि स्वयं में ही आयोग के ही समान है।

अध्यक्ष जितेन्द्र नेगी ने कहा कि अशासकीय विद्यालयों में चयन प्रक्रिया पूर्ण रूप से शिक्षा विभाग द्वारा नामित तीन विशेषज्ञ की अधीन रहती हैं। इस प्रकार सरकार का प्रबंधकों पर अनियमिताओं का आरोप लगाया जाना न केवल निराधार अपितु नितांत असंवैधानिक भी है। जबकि आज तक किसी भी प्रबंधक के विरूद्ध नियुक्ति सम्बन्धी कोई भी कार्यवाही संज्ञान में नहीं है।

अध्यक्ष जितेन्द्र नेगी प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा ब्रहम समाज शिक्षा समिति बनाम पश्चिम बंगाल सरकार एवं अन्य में पारित आदेश दिनांक 05 मई 2004 के अनुसार प्रबंधकों से नियुक्ति का अधिकार नहीं छीना जा सकता है। क्योंकि प्रबंध समिति ही विद्यालयों के लिए भूमि, भवन व भवनों के रख-रखा की व्यवस्था करती है।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि चयन आयोग के गठन के सम्बन्ध में विभाग एवं सरकार के द्वारा पंजीकृत अशासकीय विद्यालय प्रबंधकों से न तो कोई राय ली गई है। और न ही पंजीकृत होते हुये भी उन्हें आज तक किसी भी विभागीय वार्ता में बुलाया गया है। जबकि माघ्यमिक शिक्षक संघ का सोसाइटी नवीनीकरण वर्ष 2017 में समाप्त हो चुका है फिर भी शिक्षक संघों से सरकार द्वारा वार्ता की जाती रहती है।

उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा प्रदेश के सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिये चयन आयोग के गठन किये जाने के प्रयास का तथा महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा द्वारा सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में नियुक्तियों में रोक लगाये जाने का प्रबंधक एसोसिएशन पुरजोर विरोध करती है तथा सरकार व विभाग द्वारा ऐसे निर्णयों के विरूद्ध पूरे प्रदेश में जनपदवार आंदोलन खड़ा किया जायेगा जिसमें शिक्षक संघो, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों तथा छात्र-छात्राओं का भी सहयोग लिया जायेगा।