त्रिजुगीनारायण मंदिर के पुजारी पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र के समर्थन में आए, देवस्थानम् बोर्ड के गठन को बताया ऐतिहासिक फैसला
रुद्रप्रयाग। त्रिजुगीनारायण मंदिर को देवस्थानम् बोर्ड में शामिल किये जाने मंदिर के पुजारी और ग्रामीण खासे खुश हैं। सोनप्रयाग के नजदीक प्राचीन त्रिजुगीनारायण मंदिर में शिव पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। प्राचीन काल से अखंड धुनी जलती रहती है। इसका शिल्प भी केदारनाथ जी की ही तरह कत्यूरी शैली का ही है।
अपने रुद्रप्रयाग भ्रमण के दौरान पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत त्रिजुगीनारायण मंदिर भी पहुंचे। मंदिर परिसर में मुख्य पुजारी सूरज मोहन सेमवाल एवं अन्य पुजारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पुष्पमाला पहनाई। पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कराई।
इससे पहले जहां स्थानीय ग्रामीणों और मंदिर से जुड़े पुजारियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। उन्होंने त्रिजुगीनारायण मंदिर को देवस्थानम् बोर्ड में शामिल किये जाने पर खुशी जाहिर की। मंदिर के पुजारी और स्थानीय ग्रामीणों कहते हैं कि देवस्थानम् बोर्ड की स्थापना का पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र का फैसला ऐतिहासिक है। इससे चार धामों के साथ दूसरे 45 छोटे-बड़े प्राचीन मंदिर को लाभ मिलेगा।
त्रिजुगीनारायण के मुख्य पुजारी सेमवाल ने कहा कि देवस्थानम् बोर्ड में जुड़ने से मंदिर में तीर्थ यात्रियों की तादाद बढ़ेगी। क्षेत्र में आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी जिससे यात्रियों को जहां सुविधा मिलेगी वहीं स्थानीय ग्रामीणों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।
उन्होंने सोमवार में केदारनाथ धाम में पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र के साथ की गई कथित दुर्व्यहार की निंदा की। उन्होंने कहा कि केदारनाथ के पंडो, पुजारियों ने जो हरकत की है उसके लिए उन्हें निकट भविष्य में पछताना पड़ेगा।
इस मौके पर ग्राम प्रधान प्रियंका तिवारी, सामाजिक कार्यकर्ता आशीष गैरोला आदि ने पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र को पुष्पमालाएं पहनाईं। मार्ग से गुजरते समय लगभग 200 पुरुष, महिला, बच्चों ने मिलकर पुष्प वर्षा की।