सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलते ही तुरंत जेल से बाहर आएगा बंदी, अब नहीं लगेंगे कई दिन, लांच हुआ ये सिस्टम
अक्सर देखा गया है कि न्यायालय द्वारा आदेश दिए जाने के बाद भी बंदी जेल से बाहर नहीं आ पाता व इसे अन्य मामलों पर भी देखा जाए तो जांच एजेंसियां समेत अथारिटी आदि के लिए भी जारी आदेश पहुंचने में समय लग जाता है, जिससे राहत पाए पक्ष को तुंरत सुविधा नहीं मिल पाती। अब इसी को देखते हुए देश की सर्वोच्च अदालत ने एक अहम फैसला लिया है। Fast and secure Transmission of Electronic Records system नामक एक साफ्टवेयर लांच किया गया।
इस साफ्टवेयर के तहत सुप्रीम कोर्ट अपना आदेश व फैसला तुरंत सुरक्षित रूप से संबंधित जेल अथारिटी और हाईकोर्ट तक भेजने में कामयाब होगा। इससे संबंधित लोगों को फायदा पहुंचेगा। बता दें कि फास्टर सिस्टम को लांच करते हुए चीफ जस्टिस एन वी रमना ने बताया कि एक अखबार में हमने पढ़ा था कि सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी व्यक्ति को तीन दिन बाद भी नहीं छोड़ा गया था, क्योंकि कोर्ट की आदेश की कॉपी जेल नहीं पहुंच सकी थी। उन्होंने बताया कि पिछले साल जुलाई में ऐसा सिस्टम बनाए जाने को लेकर सोचा गया था।
‘FASTER’, साफ्टवेयर को CJI रमना ने आज अपने साथी जजों, देश के सभी हाई कोर्ट जजों और वरिष्ठ वकीलों की उपस्थिति में लांच किया। पिछले साल जुलाई में देरी से पहुंच रहे फैसलों को लेकर चीफ जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी। उस दौरान चीफ जस्टिस ने कहा था, ‘यह स्वीकार नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट से किसी की रिहाई का आदेश जारी हो जाए, पर वह तुरंत जेल से बाहर न आ सके। अधिकारी कोर्ट के लिखित आदेश की प्रमाणित कॉपी की प्रतीक्षा करते रहते हैं। उन्हें इस बात का एहसास नहीं होता कि इस तरह से एक नागरिक की व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है।’