September 23, 2024

बंगला खाली करने के नोटिस के बाद लखनऊ शिफ्ट हो सकती हैं प्रियंका, यूपी चुनाव पर फोकस

दिल्ली के लोधी एस्टेट स्थित बंगला खाली करने के नोटिस के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी दिल्ली से लखनऊ शिफ्ट हो सकती हैं। प्रियंका पार्टी की महासचिव होने के साथ साथ यूपी की इंचार्ज भी हैं। लिहाजा उनका ये कदम बेहद सधी हुई रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। कोरोना संक्रमण के दौरान प्रियंका का यूपी में दौरा कम हो गया था। ऐसे में लखनऊ शिफ्ट होना राजनीतिक दृष्टि से भी अहम है।

कांग्रेस सूत्रों ने आउटलुक को बताया कि नेहरू-गांधी भाई-बहन ने यूपी में पार्टी के कुछ सहयोगियों को संकेत दिया है कि वह एक महीने के भीतर लखनऊ आ सकते हैं।

दरअसल, केंद्र सरकार ने बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से दिल्‍ली के लोधी एस्‍टेट वाला सरकारी बंगला खाली करने को कहा है। उन्‍हें इसके लिए 1 अगस्‍त, 2020 तक की मोहलत दी गई है। शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा एक महीने के भीतर सरकारी आवास खाली करने को कहा गया है।

डिप्‍टी डायरेक्‍टर ऑफ एस्‍टेट्स की ओर से प्रियंका को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि तय वक्‍त के बाद भी बंगले में रहने पर किराया/जुर्माना देना होगा। पत्र में बंगला खाली कराने के पीछे एसपीजी सुरक्षा हटने को वजह बताया गया है। प्रियंका को एक महीने का नोटिस देकर बंगला खाली करने के लिए कहा गया है।

बता दें कि प्रियंका महासचिव बनाए जाने के बाद से यूपी में ज्यादा सक्रिय रही हैं। चाहे वो प्रवासी मजदूरों को ले जाने के लिए बसों के इंतजाम का मुद्दा हो या फिर सोनभद्र के किसानों के नरसंहार के बाद का आंदोलन।

कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को बंगला खाली करने को लेकर भेजे गए नोटिस को लेकर केंद्र के कदम की आलोचना करते हुए दावा किया कि यह उन्हें और पार्टी को डराने के लिए किया जा रहा है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि बंगला खाली कराने को लेकर पार्टी केंद्र पर हमला जारी रखेगी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने आउटलुक को बताया कि केंद्र इस कदम से प्रियंका और पार्टी को भाजपा के खिलाफ भारत-चीन संकट और कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के कारण हुई आर्थिक तबाही पर हमला बोलने से नहीं रोक पाएगी।

कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी का एक वर्ग यह भी मानता है कि अगर पार्टी प्रियंका के लुटियंस दिल्ली बंगले को लेकर बड़ा मुद्दा बनाती है, तो “भाजपा इसे फायदे की तरह इस्तेमाल करेगी और नेहरू-गांधी परिवार के एक और सेंस ऑफ एंटायटलमेंट की तरह प्रोजेक्ट करेगी। पार्टी के सूत्रों ने कहा कि अगर पार्टी इस मुद्दे पर बीजेपी की आलोचना करती है तो वो भारत-चीन तनाव पर फोकस रखकर करेगी। इस सोच का एक इशारा तब मिला जब बुधवार को कई कांग्रेस नेताओं ने केंद्र पर निशाना साधा और इस बात पर जोर दिया कि सरकार चीन को भारत की सीमा से नहीं निकाल पाई लेकिन विपक्ष के नेताओं को बंगले से निकालने में ज्यादा रुचि रखती है।

कहा जा रहा है कि प्रियंका वैसा मुखर स्टैंड नहीं लेना चाहती जैसा पार्टी ने तब लिया था, जब नेहरू-गांधी परिवार का एसपीजी कवर केंद्र की तरफ से पिछले साल हटा लिया गया था। एक कांग्रेस नेता ने कहा, ”वह यूपी की समस्याओं पर फोकस करना चाहती हैं और दिखाना चाहती हैं कि बीजेपी की इस ओछी और प्रतिशोध वाली राजनीति से विचलित नहीं होंगी।”

बता दें कि पिछले कई महीनों से प्रियंका विभिन्न मुद्दों पर भाजपा पर आक्रामक रूप से हमला कर रही हैं। 


WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com