आधी आबादी के जरिए यूपी मिशन-2022 को फतह करने की तैयारी में प्रियंका, महिलाओं के लिए फिर किया बड़ा ऐलान
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव कुछ ही महीने में होने वाले हैं और राज्य में जनता को लुभाने के लिए सभी तरह की कोशिशें सियासी दल कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस अपने महिला कार्ड के जरिए आधी आबादी को साधने की कोशिश कर रही है और लगातार चुनाव से पहले महिलाओं के लिए ऐलान कर रही है. महिलाओं को स्कूटी और स्मार्ट फोन देने के ऐलान के बाद अब कांग्रेस ने आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह 10,000 रू का मानदेय देने का ऐलान किया है. हालांकि इसके लिए शर्त ये है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बननी चाहिए.
दरअसल राज्य में चुनाव को देखते हुए समाज के हर वर्ग को अपने पक्ष में लाने की कोशिशें की जा रही है. फिलहाल, महिलाओं को लुभाने और वादे करने के मामले में कांग्रेस ने अन्य सियासी दलों से बाजी मारी है. कांग्रेस ने सबसे पहले महिलाओं को लेकर ऐलान किए और वह लगातार महिलाओं को अपनी तरफ लाने के लिए रोज नए-नए ऐलान कर रही हैं. कांग्रेस महासचिव ने एक बार फिर महिलाओं को अपने जोड़ने के लिए महिला कार्ड खेला और आशा और आंगनबाड़ी महिलाओं के लिए ऐलान किया है. प्रियंका ने कहा कि अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनती है तो सरकार आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 10 हजार रुपये का मासिक मानदेय दिया जाएगा. इसके साथ ही सरकारी नौकरी में 40 फीसदी पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए जाएंगे.
बुजुर्ग महिलाओं को मिलेगी 1000 रुपये मासिक पेंशन
यही नहीं, प्रियंका ने कहा कि राज्य में वृद्धा विधवा पेंशन योजना को बढ़ाया जाएगा और इसके तहत 1000 रुपये की पेंशन दी जाएगी. चुनावी साल में प्रियंका ने एक और ऐलान किया है और कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद राज्य में वीरांगनाओं के नाम पर 75 दक्षता विद्यालय खोले जाएंगे।
कांग्रेस देगी 40 फीसदी टिकट महिलाओं को टिकट
इसके साथ ही पिछले दिनों कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी विधानसभा चुनाव में हिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने का ऐलान किया था. असल में प्रियंका के इस ऐलान को महिलाओं को अपनी तरफ लाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. बहरहाल, प्रियंका के ऐलान के बाद राज्य में सभी सियासी दलों ने महिलाओं को साधने शुरू कर दिया. समाजवादी पार्टी ने अपनी अपनी महिला कार्यकारिणी का ऐलान किया. जबकि कई समय से महिला कार्यकारिणी का गठन नहीं किया गया था. जबकि रालोद ने भी अपने घोषणा पत्र में महिलाओं के लिए बड़े वादे किए हैं.