प्रियंका की मौजूदगी,मोदी की चुनौती
जिस तरह से विपक्ष की एकजुटता दिखाई दे रही थी, अब भी उसे बनाए रखने की कोशिश की जा रही है.ख़ासतौर पर उत्तर प्रदेश में जिस तरह से महागठबंधन बनकर खड़ा हुआ है और कांग्रेस ने जिस तरह से प्रियंका गांधी की इन चुनावों में इंट्री कराई है. उसका असर अभी सामने आना बाक़ी है. लेकिन एक सच ये भी है कि प्रियंका गांधी ने अभी अपनी मुठ्ठी खोली नहीं है.
अभी उनके बारे में कोई पूर्वानुमान लगाना मुश्किल है. प्रियंका गांधी ने एक भी पब्लिक मीटिंग नहीं की है, एक भी प्रेस कॉन्फ़्रेंस नहीं की है. अभी तक वे अपने पति पर चल रही क़ानूनी कार्रवाई में ही घिरी हुई दिख रही हैं. उनका क्या रोल रहेगा, वे लोगों से कैसे मुखातिब होंगी. इसे लेकर अभी तस्वीर साफ़ नहीं है.
जहां तक बाक़ियों का सवाल है, निश्चित रूप से गठबंधन सक्रिय हो जाएगा.गुजरात में अगले एक-दो दिनों में कांग्रेस कार्यसमिति की मीटिंग है. वहां भी एक तरह से औपचारिक तौर पर चुनावी बिगुल बजेगा.कांग्रेस को अपने मुद्दे सामने रखने हैं, उन्हें दिखाना होगा कि वे चुनाव प्रचार को किस दिशा में ले जाना चाहती है.